Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मथुराFarmers Face DAP Shortage in Mathura District Amid Rabi Crop Planting

रबी की बुवाई को खाद की किल्लत से किसान परेशान

मथुरा जिले में रबी फसल की बुवाई का समय चल रहा है, लेकिन किसानों के बीच डीएपी की भारी किल्लत बनी हुई है। इसके चलते गेहूं, मक्का, सरसों आदि की बुवाई प्रभावित हो रही है। सहकारी समितियों पर लंबी लाइनें लग...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराSat, 23 Nov 2024 05:11 PM
share Share

मथुरा जिले में रबी की फसल बुवाई का अंतिम समय चल रहा है। अब भी किसानों के बीच डीएपी की भारी किल्लत मची हुई है। गत दिनों तमाम धरना प्रदर्शन एवं आंदोलनों के बाद भी स्थिति संभल नहीं सकी है। इससे उत्पादन पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। डीएपी की किल्लत से गेहूं, मक्का, सरसों, आलू, दलहन, तिलहन आदि की बुआई प्रभावित हो रही है। इससे फसल की बुवाई पिछड़ने और उससे उत्पादन भी कम होने की संभावना है। खाद की दुकानों पर किसानों की भीड़ लग रही है। सहकारी समितियों पर लंबी लाइनें लग रहीं हैं। दुकानों पर डीएपी मिल नहीं रही है। समितियों पर थोड़ी ही देर में बंट जाती है। बाकी किसान लाइन में लगे रह जाते हैं। मजबूरन किसान डीएपी के बदले किसान एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फेट, पोटास) प्रयोग कर रहे हैं।

शासन ने इस वर्ष जिले में रबी की पूरी फसल के लिए 21407 मैट्रिक टन डीएपी के वितरण का लक्ष्य तय किया है। इसे जनवरी माह तक सप्लाई किया जाएगा। इसमें से अब तक 13200 मैट्रिक टन डीएपी का जिले में वितरण हो चुका है। वहीं 8068 मैट्रिक टन एनपीके वितरण के लक्ष्य के सापेक्ष 10000 मैट्रिक टन एनपीके का वितरण भी किया जा चुका है। शनिवार को यहां डीएपी की करीब 1300 मैट्रिक टन की नई रैक आ रही है। वहीं इसके दो दिन बाद ही 2600 मैट्रिक टन की नई रैक भी जिले में पहुंच जाएगी।

जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि खाद की उपलब्धता के आधार पर जिले में कहीं भी खाद की किल्लत नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि एक साथ ही ही पूरे जिले में खाद का उचित ढंग से वितरण न हो पाने के कारण किल्लत जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। वहीं खाद वितरण एवं उपलब्धता में कुछ देरी के कारण स्थितियां बदल रही हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें