जर्जर भवन में काम कर रहे रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी
इमारत के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव का शासन ने नहीं लिया संज्ञानइमारत के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव का शासन ने नहीं लिया संज्ञान मथुरा। मथुरा सदर का उप नि
मथुरा सदर का उप निबंधन कार्यालय के भवन की हालात जर्जर हो गई है। 115 वर्ष पुराने इस भवन में काम करने वाले कर्मचारी डर के साये में अपनी डयूटी निभा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि कब छत से लेंटर का टुकड़ा गिर जाए कहा नहीं जा सकता। भवन के कमरों में सील की दुर्गंध से यहां बैठना भी दूभर है। देश की आजादी से पहले सदर कार्यालय की इमारत का निर्माण हुआ था। बाद में इस भवन में उप निबंधन कार्यालय खोल दिया गया। कुछ समय के बाद बाद उप निबंधन कार्यालय में दो सदर प्रथम और सदर द्वितीय दो खंड हो गए। दोनों खंडों में हर दिन लगभग 250 से अधिक बैनामे होते हैं। इस कारण हर दिन लगभग तीन हजार से अधिक लोगों का आना जाना लगा रहता है। प्रशासन भी इस भवन को कंडम घोषित कर चुका है। कार्यालय की हालत इतनी खराब है कि छत से प्लास्टर टूटकर कर्मचारियों के सिर पर गिरता रहता है। बारिश होने पर कई बार कर्मचारियों को रात में कार्यालय खोलकर यहां रखे अभिलेखों को बचाने के लिए तिरपाल डालना पड़ता है। बताया जा रहा है कि उप निबंधन कार्यालय के नए भवन के लिए लगभग 6 करोड़ का प्रस्ताव भी बनाकर शासन को भेजा जा चुका है, परंतु इससे पहले इस भवन के अस्थाई संचालन के लिए उचित स्थान नहीं मिल पा रहा है।
वर्जन-
उप निबंधन कार्यालय की हालत बहुत खराब है। कमरों और छत का प्लास्टर गिरता रहता है। इससे यहां बैठने वाले कर्मचारियों को परेशानी होती है। भवन के जीर्णोंद्धार के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है
-अजय त्रिपाठी, रिजस्ट्रार उप निबंधन कार्यालय सदर
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