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बोले मथुरा-बैरागपुरा से खुशियां हुईं बेगानी टूटी पड़ी सड़कें, खारा है पानी

Mathura News - बोले मथुरा-महानगर की घनी और संकरी आबादी वाले क्षेत्रों में शुमार बैरागपुरा के बाशिंदे आज भी

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराMon, 28 April 2025 03:00 AM
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बोले मथुरा-बैरागपुरा से खुशियां हुईं बेगानी टूटी पड़ी सड़कें, खारा है पानी

महानगर की घनी और संकरी आबादी वाले क्षेत्रों में शुमार बैरागपुरा के बाशिंदे आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह वह क्षेत्र है, जिसकी अधिकांश आबादी गलियों में बसी हुई हैं। बैरागपुरा में कुल 9 गलियां हैं, जिनकी पहचान नाम से नहीं उनके नंबरों से होती है। इस कालोनी के एक ओर रानी मंडी है तो दूसरी ओर मंडी रामदास। एक ओर कच्ची सड़क से यह मोहल्ला जुड़ा हुआ है। द्वारिकेशपुरी कालोनी, जयश्री कालोनी, गंगा विहार कालोनी, जमुना विहार कालोनी भी वैरागपुरा क्षेत्र में ही आती हैं। बैैरागपुरा की गलियां भी ऊंचाई पर हैं। इन्हीं गलियों में बने मकानों में लोग रहते हैं। अधिकांश गलियों में नालियां टूटी-फूटी हैं, जिसके चलते उनकी ठीक ढंग से सफाई भी नहीं हो रही। इस क्षेत्र की यदि सबसे बड़ी समस्या की बात की जाए तो वह पेयजल की है। बैरागपुरा को जलापूर्ति करने के लिए झंडेश्वर महादेव के समीप एक नलकूप लगा हुआ है। यह नलकूप भी दम तोड़ चुका है, जिसके चलते घरों तक पानी भी बमुश्किल पहुंचता है। गर्मी के दिनों में भूजल के गिरने की वजह से रहा-सहा पानी भी लोगों के नसीब नहीं हो पाता। खारा पानी होने की वजह से लोग उसे घरेलू काम में ही लेते हैं। पेयजल के रूप में उनको पानी खरीदना पड़ता है या आरओ के सहारे पानी की जरूरत को पूरा करना पड़ता है। हिन्दुस्तान समाचार-पत्र की ओर से झंडेवाले महादेव की गली में आयोजित संवाद में स्थानीय लोग एकत्र हुए। उनके साथ पार्षद भी थे। पार्षद ब्रजेश खरे ने बताया कि पेयचल की समस्या के समाधान के लिए वे निरंतर प्रयास कर रहे हैं। एक नलकूप भी स्वीकृत हुआ था, लेकिन गलियां संकरी होने की वजह से नलकूप लगाने का कोई स्थान नहीं मिला। अब उनका प्रयास है कि झंडेवाले नलकूप की रीबोरिंग कराएं, ताकि स्थानीय लोगों को पेयजल की उपलब्धता हो सके। उन्होंने कुछ लोगों से बात भी की है कि है, लेकिन कोई भी अपनी गली में नलकूप लगवान को तैयार नहीं हो रहा है। नलकूप के रीबोर होने के बाद काफी हद तक समस्या के समाधान की उम्मीद है।

गलियां संकरी और ऊंचाई पर होने की वजह से हाथ ढकेल तक नहीं पहुंच पाती है। सफाई कर्मी भी कभी आते हैं, कभी नहीं आते। इसके चलते लोगों को गंदगी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस समस्या का समाधान कराया जाना अत्यंत आवश्यक है।

-पप्पू दिवाकर

मोहल्ले में सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं है, जिसके चलते लोगों को गंदगी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था के लिए कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। कई जगह गलियां भी क्षतिग्रस्त हैं, जिनका निर्माण तक नहीं कराया गया। नगर निगम को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए।

-विशाल राजपूत

गलियों में बसे इस मोहल्ले में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। झंडेश्वर महादेव मंदिर की गली में लगा नलकूप दम तोड़ रहा है। इसके चलते लोगों को कभी पानी मिलता है और कभी पानी नहीं मिलता। इस समस्या का समाधान कराया जाना अत्यंत जरूरी है। इस क्षेत्र में कई गलियां काफी ऊंचाई पर बनी हैं, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

-गोपेश शर्मा

मोहल्ले के नलों में खारा पानी आता है। एक मात्र नलकूल है, वो भी पूरी तरह काम नहीं कर रहा। इस क्षेत्र में एक नये नलकूप की आवश्यकता है। नगर निगम को पेयजल आपूर्ति में सुधार लाने के लिए क्षेत्र में नया नलकूप लगाना चाहिए। गलियां संकरी होने की वजह से नलकूप लगाने की जगह भी नहीं है। इस समस्या का समाधान करना जरूरी है।

-मनोज चौधरी

गली-मोहल्लों में बंदरों का भारी आतंक है। राह चलते लोगों पर बंदर कभी भी हमला कर देते हैं। इस समस्या के समाधान की कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन आज तक समाधान नहीं हुआ है। बंदरों की वजह से बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं ने अकेले घर से निकलना तक बंद कर दिया है। यही नहीं लोगों को जाल से घरों को कवर्ड कराना पड़ा है।

-सूरजभान

बैरागपुरा के नलकूप का पानी दम तोड़ चुका है। इसकी वजह से लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति नहीं मिल पा रही। मोहल्ले में नये नलकूप की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके लिए कई बार मांग भी की चुकी है। एक बार नलकूप स्वीकृत भी हुआ था, लेकिन पर्याप्त स्थान न मिल पाने के कारण उसे लगाया नहीं जा सका।

-दाऊजी

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