योग गुरु रामदेव ने किया यमुना पूजन
शरद पूर्णिमा पर बाबा रामदेव ने यमुना किनारे ब्रह्माण्ड घाट पर संतों के साथ यमुना पूजन किया। उन्होंने कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज से आशीर्वाद लेकर जलाभिषेक किया। संतों ने यमुना महारानी को चुनरी उढ़ाई।...
शरद पूर्णिमा पर बुधवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को यमुना किनारे ब्रह्माण्ड घाट पर संतों के साथ यमुना पूजन किया। बुधवार को योग गुरु रामदेव हेलीकॉप्टर से करीब दोपहर करीब 2:30 बजे रमणरेती आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज से आशीर्वाद लेकर यमुना किनारे ब्रह्माण्ड घाट पर सभी संतों के साथ यमुना पूजन किया। संतों ने यमुना महारानी का जलाभिषेक कर चुनरी उढ़ाई। कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज ने कहा कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा षोडश कलाओं से युक्त होता है। उसकी किरणों से अमृत वर्षा होती है। इस विशेषता के कारण प्रभु श्रीकृष्ण ने इसे रासोत्सव के लिए उपयुक्त माना। शरद पूर्णिमा की सुबह आराध्य देव को श्वेत वस्त्राभूषण से सज्जित कर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा रमणरेती एक रमणिक स्थल है, उसी आधार पर ब्रह्माण्ड घाट भी अपने आप में एक अलौकिक माना जाता है। यमुना मां यमुना की कल-कल निर्मल धारा बह रही है, जो अद्वितीय है। यहां गोविन्द तीर्थ महाराज एवं अन्य संतों ने विचार रखे। इस दौरान कार्ष्णि स्वरुपानंद महाराज, कार्ष्णि दिव्यानंद महाराज, कार्ष्णि हरदेवानंद महाराज, भानु पीठाधीश्वर प्रेमानंद महाराज, दिनेश मिश्रा, चंदर अरोड़ा आदि रहे।
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