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बोले मथुराः अपनी ही बेकद्री पर आंसू बहा रहा प्राचीन बलभद्र कुंड

Mathura News - मथुरा के बलभद्र कुंड की स्थिति वर्षों से खराब हो रही है। यहाँ गंदे पानी की निकासी नहीं होने से कुंड का जल प्रदूषित हो चुका है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराWed, 9 April 2025 07:18 PM
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बोले मथुराः अपनी ही बेकद्री पर आंसू बहा रहा प्राचीन बलभद्र कुंड

भूतेश्वर रोड स्थित परिक्रमा मार्ग पर प्राचीन बलभद्र कुंड समस्याओं से घिर गया है। इस कुंड की दशा नारकीय है। जिस कुंड में कभी श्रद्धालु स्नान कर आचमन किया करते थे, उस कुंड में आसपास के इलाके का गंदा पानी जा रहा है। अब इस कुंड का जल प्रदूषित हो चुका है। जिसमें आचमन करना तो दूर लोग इसमें नहाने की सोचते भी नहीं हैं। मथुरा के पंचकोसीय परिक्रमा मार्ग पर यह कुंड स्थित है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने करीब चार वर्ष पूर्व परिक्रमा मार्ग पर कुछ कार्य कराया था तो परिक्रमा मार्ग से लगे कुंड के हिस्से पर पत्थर की जालियां लगवा दी थीं। जिससे कुंड में कोई गिर न सके लेकिन इसकी साफ सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद धार्मिक महत्व के स्थलों की दशा सुधार रहा है, इस कुंड पर भी तीर्थ विकास परिषद नजर डाले तो इसकी भी दशा सुधर जाए।

मथुरा की पंचकोसीय परिक्रमा बलभद्रु कुंड से होकर गुजरती है। परिक्रमा मार्ग पर बलभद्र कुंड का बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद लिखा हुआ है। यहां के लोगों का कहना है कि परिषद का बोर्ड लगा होने से यह तो साफ है कि तीर्थ विकास परिषद के संज्ञान में बलभद्र कुंड है लेकिन इसकी दशा सुधारने कि लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने अभी तक कुछ नहीं किया है। यहां के लोगों ने बताया कि प्राचीन बलभद्र कुंड भगवान श्री कृष्ण काल का है। इस कुंड के समीप दाऊजी का मंदिर है, जिसमें श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेर दर्शन करने के लिए आते हैं। इस कुंड की दशा वर्षों से खराब हो रही है।

वर्षों से गंदा पानी कुंड में जा रहा है। प्राचीन बलभद्र कुंड में सफाई एवं पानी की निकासी व्यवस्था न होने कुंड में गंदगी के साथ गंदा पानी जमा हो रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कुंड और धार्मिक महत्व के स्थलों के सुधार के लिय कार्य करता है लेकिन इस कुंड की ओर भी तीर्थ परिषद को ध्यान देना चाहिये। इस प्राचीन कुंड की दीवारें टूटी हुई हैं। कुंड की दीवारें कई जगह पर गिर भी रही हैं। वहीं इसके आसपास स्ट्रीट लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही इस मार्ग पर बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। जिससे यहां से गुजरने में लोगों में भय बना रहता है। इस कुंड के प्राचीन घाट, बगीचे आदि पर भी बंदरों का अक्सर कब्जा रहता है। कुंड के निकट जो दाऊजी का मंदिर है, वहां गर्भगृह में शेषनाग, बलराम और रेवती मैया के विग्रह विराजमान हैं।

हिन्दुस्तान संवाद में लोगों ने बताया कि पहले यहां जंगल हुआ करता था। करीब दो-तीन दशक पहले कॉलोनी बनी तब से इस कुंड की दशा खराब होना शुरू हो गई। इस कुंड की बेहाली के लिए कुछ लोग भी जिम्मेदार हैं। वे लोग कुंड के आसपास गंदगी के लिए जिम्मेदार हैं। कुंड का जल पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। कुंड के पास बगीचा है लेकिन वह उजड़ा हुआ है। वहां हरियाली के लिए पौधरोपण किये जाएं तो इसकी खूबसूरती निखर आयेगी। दूषित पानी व आसपास गंदगी होने के कारण कीड़े मकोड़े पनप रहे है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा रहता है।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद को बलभद्र कुंड पर ध्यान देना चाहिये। इसकी दशा सुधारकर बलभद्र कुंड का सौंदर्यीकरण और जीर्णोंद्धार कराया जाए। इसका जल प्रदूषित हो चुका है। इसकी ओर ध्यान दिया जाए।

-मुन्ना मलिक, पार्षद

कुंड के रास्ते पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। रात में यहां अंधेरा छा जाता है। जिससे यहां से रात में गुजरने में लोगो में भय बना रहता है। ये समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। सरकार को इस कुंड के बारे में भी सोचना चाहिए।

-साहिल मलिक

कुंड के प्रदूषण को देखते हुए मन दूखी होता है। यहां पर गंदगी बढ़ती जा रही है। यहां जगह है, जिस पर पौधरोपण कर हरियाली की जा सकती है। इस कुंड की दीवारें भी सही करायी जानी चाहिये।

-केशव यादव

लोग इस कुंड में पहले नहाया करते थे लेकिन अब इस कुंड के पानी छूने लायक भी नहीं है। यहां बाहर से भी काफी संख्या में लोग आते थे। अब इस कुंड के गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं। पानी की समय-समय पर निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए।

-असरव

मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद को इस कुंड की ओर ध्यान देकर इसकी सफाई और इसकी दीवारों का निर्माण कराना चाहिए। वहीं स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए।

-कपिल

करीब 21 वर्ष पहले तक कुंड में लीला होती थी। गज-ग्रह के स्वरूप नाव में बैठकर यह लीला करते थे। कुंड में बढ़ती गंदगी की वजह से यह लीला बंद हो गई। ब्रज तीर्थ विकास परिषद को इस ओर ध्यान देकर इसका जीर्णोद्धार कराना चाहिए।

-पप्पू ग्वारिया

अपने बुजुर्गों से सुना है कि ये कुंड बेहद प्राचीन है। लेकिन सरकारी तंत्र की अनदेखी के कारण यहां नालियों व सीवर का गंदा पानी गिर रहा है, जो ठीक नहीं है। संबंधित अधिकारियों को ध्यान देकर इसकी दशा सुधारनी चाहिए।

-इकवाल कुरैशी

इस कुंड की दशा काफी समय से खराब है। कुंड में आसपास का गंदा पानी भी गिरने लगा है। इसके अलावा यहां पर बंदरों का भी आतंक बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है। यहां से गुजरने वाले लोगों से बंदर सामान छीन ले जाते हैं।

-मुकुंद महाराज

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