धान में 90 से 100 प्रतिशत तक क्षति, सीएम के निर्देश पर पहुंची टीम
छाता और गोवर्धन क्षेत्र में धान की फसल को जबरदस्त नुकसान होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि निदेशालय की टीम यहां पहुंची। टीम के विशेषज्ञों ने स्थानीय कृषि अधिकारियों संग मिलकर मंगलवार को छाता...
छाता और गोवर्धन क्षेत्र में धान की फसल को जबरदस्त नुकसान होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि निदेशालय की टीम यहां पहुंची। टीम के विशेषज्ञों ने स्थानीय कृषि अधिकारियों संग मिलकर मंगलवार को छाता तहसील में धान और कपास की फसल के नुकसान का सर्वे किया। धान जहां 90 से 100 प्रतिशत तक क्षति हुई है, वहीं कपास में 15 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। सर्वे के पहले दिन 15 गांवों में फसली नुकसान की जांच और कारणों की तलाश की गई।
मंगलवार को सर्वे टीम ने छाता तहसील के गांव अगरयाला, तरौली, पिनौरा, अकबरपुर, कामर, कढ़ी बरवारी, हुलवाना और बठैनखुर्द आदि 15 गांवों में फसली नुकसान का मुआयना किया। साथ ही धान के रहस्यमयी कीड़े का पता लगाने की कोशिश की। सर्वे में सामने आया कि धान में कहीं-कहीं 60 से 70 फीसदी नुकसान है तो कहीं 90 से 100 प्रतिशत तक नुकसान है। किसान कीड़ा मारने को लगातार खेत में दवा का छिड़काव कर रहे थे। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि जब कीड़ा नहीं मर रहा है तो खेत में अंधाधुंध दवा का छिड़काव ठीक नहीं। टीम ने कपास में भी नुकसान का सर्वे किया। कपास के पौधे में ‘रेड कॉटन बग नामक कीड़ा लगा है। हालांकि कपास में ज्यादा नुकसान का आंकलन नहीं हुआ। इस फसल में 10 से 15 प्रतिशत ही नुकसान हुआ है।
टीम में ये रहे शामिल
चंद्रशेखर आजाद कृषि विवि कानपुर से डॉ.वाईपी मलिक (कीट विशेषज्ञ), डॉ.एसके विश्वास पैथोलॉजिस्ट, कृषि निदेशालय से डॉ.एसके मलिक रसायन विज्ञानी, एनपी मल कीट रोग विशेषज्ञ, बीमा कंपनी के टुनटुन राय, आगरा के डीडीपीसी विपिन बिहारी आदि शामिल थे।
बोले अधिकारी...
मंगलवार को 15 गांवों का सर्वे किया गया है, बुधवार को अन्य गांवों में सर्वे किया जाएगा। अब तक के सर्वे में धान किसानों की भारी क्षति सामने आयी है।
-धुरेंद्र कुमार, उपनिदेशक कृषि।
किसानों ने धान की फसल खराब होने पर लगाई गुहार
मथुरा/राधाकुंड। मंगलवार को गोवर्धन के गांव कोन्हई के दर्जनों किसान प्रदर्शन करते हुए जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचे। उनके हाथों में खराब हुए धान के पौधे थे। किसानों की शिकायत थी कि गांव में धान की फसल कीड़े द्वारा खराब की जा रही है। इस कीड़े पर किसी दवा का असर भी नहीं हो रहा है। ऐसे में फसल को बचाना नामुमकिन है। उन्होंने एडीएम प्रशासन आदित्य प्रकाश से इस संबंध में शिकायत की। किसानों ने मांग की कि उनके नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दिलाया जाए। एडीएम प्रशासन ने उपनिदेशक कृषि धुरेंद्र कुमार को गोवर्धन के कोन्हई गांव में टीम भेजकर जांच कराने व आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। ग्राम प्रधान अमर सिंह, जयपाल यदुवंशी, महेंद्र सिंह, राधे श्याम, परिमा, राम सिंह बघेल, ठाकुर लाल जाटव, कुमारपाल प्रजापति, दुर्गा सिंह, जगन्नाथ, कैलाश कुमार, नेम सिंह, नेपाल सिंह, भौजी मौजूद थे।
इन गांवों में धान की फसल में लगा रोग
राधाकुंड। गोवर्धन तहसील के अंतर्गत पड़ने वाले गांव राधाकुंड, गोवर्धन, कुंजेरा, गांठोली, भवनपुरा, पाली, महमदपुर, पेठा, सौंख, कोन्हई, मुखराई, बसौती, जुल्हैदी, पैलखू, राल आदि में धान की फसल में कीड़ा लगने की शिकायत है।
कर्ज में डूबे किसानों की डबडबा उठीं आंखें
राधाकुंड। कर्ज लेकर खेतों में रोपी फसल में रोग लगने से कर्ज में डूबे किसानों की आंखें डबडबा उठीं। आस थी कि फसल अच्छी होने पर कर्ज चुक जाएगा लेकिन धान की खड़ी फसल में रोग लगने से करीब 60 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई। कोन्हई ग्राम प्रधान अमर सिंह व जयपाल यदुवंशी का कहना है कि नष्ट हुई धान की फसल का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए। फसल की बर्बादी का कारण धान की फसल में लगने वाले कीड़ों का प्रकोप बताया गया है।
यह बोले गोवर्धन विधायक
गोवर्धन क्षेत्र के विधायक ठाकुर कारिंदा सिंह कहा कि डीएम द्वारा कृषि विभाग की टीम का गठन कर दिया गया है। धान की फसल में हुए नुकसान की सर्वे करा कर एक सप्ताह में रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।
किसानों ने की मुआवजे की मांग
छाता। अखिल भारतीय किसान सभा की रामस्वरूप काका की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला प्रशासन से तत्काल क्षेत्र में फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है। क्षेत्र के रनवारी, अलवाई, सांखी, सहार, नगला डहर, रहेडा, आजनौंख, पिसावा, लौधोली, बिजवारी गांव ज्यादा प्रभावित हैं। बैठक में जिपं सदस्य ठा.जितेंद्र सिंह, जिलामंत्री रामवीर सिंह, पूर्व प्रधान वीरपाल सिंह, महावीर सिंह, शेरपाल सिंह, भूरा पहलवान, धर्म सिंह, बुद्धन पहलवान, नरेश सिंह, सुरेश कुमार, पवन कुमार उपस्थित थे।
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