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लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में शॉर्ट सर्किट नहीं, सिगरेट से लगी थी भीषण आग, जांच रिपोर्ट में खुलासा

  • लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में भीषण आग शॉर्ट सर्किट नहीं, सिगरेट से लगी थी। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की ओर से शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है।

Deep Pandey लखनऊ, प्रमुख संवाददाताFri, 18 April 2025 06:27 AM
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लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में शॉर्ट सर्किट नहीं, सिगरेट से लगी थी भीषण आग, जांच रिपोर्ट में खुलासा

लखनऊ के लोक बंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय में अग्निकांड की जांच तेजी से आगे बढ़ी है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की ओर से शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसमें बताया गया है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट थी ही नहीं। रिपोर्ट की मानें तो अस्पताल में भीषण आग टॉयलेट के पीछे सिगरेट से लगी थी। धुएं और आग के पैटर्न का भी जांच टीम ने अध्ययन किया है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक रात 9:30 बजे के करीब स्टोर बंद था। उस समय कोई लाइट या पंखा चालू नहीं था। ऐसे में तारों पर दबाव के कारण शॉर्ट सर्किट होने का सवाल ही नहीं उठता।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वही समय था जब शौचालय के पिछले हिस्से में आग लगी। इससे स्टोर में रखे ज्वलनशील सामान तेजी से जलने लगे। इससे भीषण धुआं उठने लगा और पूरे कॉरिडोर में फैल गया। आग विकराल होती गई और धुआं कॉरिडोर से होता हुआ आईसीयू वार्ड में भरने लगा। उसी समय अस्पताल के कर्मचारियों ने बिना कोई देरी किए दूसरे तल के मेन स्विच को बंद कर दिया।

जांच टीम में ये थे शामिल : निदेशालय की ओर से उप निदेशक अक्षय कुमार आर्य ने शासन को रिपोर्ट भेजी है। जांच टीम में सहायक निदेशक के अलावा दो विद्युत सुरक्षा अधिकारी भी शामिल थे। इस टीम ने अस्पताल निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता, सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी और चीफ फार्मासिस्ट डॉ. एपी सिंह की मौजूदगी में 15 तारीख को जांच की थी।

दरवाजे को तोड़ कर बुझाई गई आग: अस्पताल के कर्मचारियों ने स्टोर के दरवाजे को तोड़कर आग बुझाई। इस बीच मरीजों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पतालों में भेजा गया। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट में एसी की देखरेख करने वाले कर्मचारी का बयान भी है। कर्मचारी के अनुसार तीन-चार दिन पहले छह बेड आईसोलेशन वार्ड में लगाए गए थे। तभी एयरकंडिशनर की सर्विस भी की गई लेकिन एसी की सप्लाई एमसीबी यानी मिनियेचर सर्किट ब्रेकर से बंद कर दी गई थी। जब अस्पताल में आग लगी तब भी एसी बंद ही था।

रिपोर्ट में बताया, किस तरह बढ़ती गई आग

सूत्रों के अनुसार अस्पताल में आग भयंकर थी। इसकी वजह से उत्पन्न गर्मी के कारण दीवार के भीतर से गुजर रहे एसी इनडोर यूनिट के कॉपर पाइप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, छह बेड वाले आईसोलेशन वार्ड में बिजली और पंखे की सप्लाई इनवर्टर के जरिए चालू थी जिसे जांच टीम ने बंद कराया।

ये भी पढ़ें:लखनऊ लोकबंधु अस्पताल में भीषण आग के बाद मरीजों की भर्ती बंद, जांचें भी ठप
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लखनऊ के लोक बंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय में अग्निकांड की जांच तेजी से आगे बढ़ी है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की ओर से शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसमें बताया गया है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट थी ही नहीं। रिपोर्ट की मानें तो अस्पताल में भीषण आग टॉयलेट के पीछे सिगरेट से लगी थी।

धुएं और आग के पैटर्न का भी जांच टीम ने अध्ययन किया है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक रात 9:30 बजे के करीब स्टोर बंद था। उस समय कोई लाइट या पंखा चालू नहीं था। ऐसे में तारों पर दबाव के कारण शॉर्ट सर्किट होने का सवाल ही नहीं उठता।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वही समय था जब शौचालय के पिछले हिस्से में आग लगी। इससे स्टोर में रखे ज्वलनशील सामान तेजी से जलने लगे। इससे भीषण धुआं उठने लगा और पूरे कॉरिडोर में फैल गया। आग विकराल होती गई और धुआं कॉरिडोर से होता हुआ आईसीयू वार्ड में भरने लगा। उसी समय अस्पताल के कर्मचारियों ने बिना कोई देरी किए दूसरे तल के मेन स्विच को बंद कर दिया।

जांच टीम में ये थे शामिल : निदेशालय की ओर से उप निदेशक अक्षय कुमार आर्य ने शासन को रिपोर्ट भेजी है। जांच टीम में सहायक निदेशक के अलावा दो विद्युत सुरक्षा अधिकारी भी शामिल थे। इस टीम ने अस्पताल निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता, सीएमएस डॉ. राजीव दीक्षित, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी और चीफ फार्मासिस्ट डॉ. एपी सिंह की मौजूदगी में 15 तारीख को जांच की थी।

दरवाजे को तोड़ कर बुझाई गई आग: अस्पताल के कर्मचारियों ने स्टोर के दरवाजे को तोड़कर आग बुझाई। इस बीच मरीजों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पतालों में भेजा गया। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट में एसी की देखरेख करने वाले कर्मचारी का बयान भी है। कर्मचारी के अनुसार तीन-चार दिन पहले छह बेड आईसोलेशन वार्ड में लगाए गए थे। तभी एयरकंडिशनर की सर्विस भी की गई लेकिन एसी की सप्लाई एमसीबी यानी मिनियेचर सर्किट ब्रेकर से बंद कर दी गई थी। जब अस्पताल में आग लगी तब भी एसी बंद ही था।

रिपोर्ट में बताया, किस तरह बढ़ती गई आग

सूत्रों के अनुसार अस्पताल में आग भयंकर थी। इसकी वजह से उत्पन्न गर्मी के कारण दीवार के भीतर से गुजर रहे एसी इनडोर यूनिट के कॉपर पाइप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, छह बेड वाले आईसोलेशन वार्ड में बिजली और पंखे की सप्लाई इनवर्टर के जरिए चालू थी जिसे जांच टीम ने बंद कराया।

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नक्शे के जरिए समझाई स्थिति

रिपोर्ट के साथ नक्शे के जरिए आग की स्थिति समझाई गई। इसके अनुसार दूसरे तल पर आईसीयू में जाने के लिए कॉरिडोर के दाहिनी ओर आईसोलेशन महिला वार्ड बना है। इसके पीछे 90 डिग्री के कोण पर सर्जिकल स्टोर है। उत्तर में वार्ड का नर्सिंग काउंटर है। महिला वार्ड और नर्सिंग काउण्टर में बने दो शौचालयों की खिड़की स्टोर में खुलती है। स्टोर में कागज के गत्ते के डिब्बों के पैक्ड सामान, रूई के बण्डल, रबर के दस्ताने, स्प्रिट आदि सामान रखा हुआ था।

डीजी हेल्थ भी जांच के लिए पहुंचे

गुरुवार को दिन में 10:38 बजे अपनी टीम के साथ डीजी हेल्थ रतन पाल सिंह सुमन पहुंचे। उनके साथ अग्निशमन विभाग, बिजली विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। अस्पताल में करीब डेढ़ घंटे तक डीजी ने निरीक्षण किया और लोगों के बयान लिए। उन्होंने सबसे ज्यादा समय दूसरे तल स्थित आईसीयू में बिताया।

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