जिला अस्पताल में नहीं है एंटीरेबीज इंजेक्शन में प्रयोग होने वाली सिरिंज
Mainpuri News - मैनपुरी। बंदर ने काट लिया है, श्वान ने काट लिया है या फिर बिल्ली ने पंजा मार दिया है तो लोग एंटीरेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल की और दौड़ते हैं।

बंदर ने काट लिया है, श्वान ने काट लिया है या फिर बिल्ली ने पंजा मार दिया है तो लोग एंटीरेबीज का इंजेक्शन लगवाने अस्पताल की ओर दौड़ते हैं। जिला अस्पताल में एंटीरेबीज का इंजेक्शन तो है पर लगाने के लिए सिरिंज नहीं है। इस सिरिंज को लोग बाहर से खरीदकर इंजेक्शन रूम में लेकर पहुंचते हैं इसके बाद एंटीरेबीज का इंजेक्शन लग रहा है। सरकार अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात करती है। लेकिन जिला अस्पताल में बीते पांच दिन से एंटीरेबीज इंजेक्शन लगाने में प्रयोग होने वाली सिरिंज नहीं है। जिससे यहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों जिला अस्पताल में सौ से 150 मरीज एंटीरेबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता है कि यहां सिरिंज ही नहीं है। इंजेक्शन रूम में पहुंचने पर स्वास्थ्य कर्मी उन्हें बाहर से सिरिंज लाने के लिए कहते हैं। सोमवार को शहर निवासी शिवानी श्वान के काटने पर एंटीरेबीज का इंजेक्शन लगवाने गई थीं लेकिन उन्हें पांच रुपये देकर बाहर से एंटीरेबीज इंजेक्शन में प्रयोग होने वाली सिरिंज लानी पड़ी। इसी तरह सुप्रिया अपनी बेटी को बंदर द्वारा काटने पर इंजेक्शन लगवाने पहुंची। उन्हें भी बाहर से सिरिंज लानी पड़ी।
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