पहले पिछड़ी जाति में शामिल, फिर प्रधानी के लिए बने एससी
आरक्षण ने लोगों को जाति बदलने पर मजबूर कर दिया है। जाति बदलने की एक शिकायत चुनाव अधिकारी बरनाहल से की गई है। निवर्तमान प्रधान की ओर से प्रत्याशी के...
आरक्षण ने लोगों को जाति बदलने पर मजबूर कर दिया है। जाति बदलने की एक शिकायत चुनाव अधिकारी बरनाहल से की गई है। निवर्तमान प्रधान की ओर से प्रत्याशी के नामांकन पर आपत्ति लगाई गई है। शिकायत की गई है कि जब सीट सामान्य हुई तो ग्राम पंचायत गोटपुर के प्रधान पद के लिए मिलीभगत कर पिछड़ी जाति का प्रमाण-पत्र बनवाया गया और फिर से सीट एससी हुई तो एससी के प्रमाण-पत्र के साथ प्रधान पद का आवेदन कर दिया गया।
गोटपुर ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान सुनील कुमार ने चुनाव अधिकारी बरनाहल को शिकायती पत्र देकर जानकारी दी कि ग्राम पंचायत के लिए आरक्षण पहले सामान्य वर्ग के लिए किया गया। इसके लिए ओमवीर पुत्र भारत सिंह निवासी गोंदई ने पांच अप्रैल 2021 को तहसील करहल से लेखपाल और तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ी जाति का प्रमाण-पत्र बनवा लिया। लेकिन दूसरे आरक्षण में पंचायत की सीट एससी के लिए आरक्षित हो गई। सीट एससी के लिए आरक्षित हुई तो ओमवीर ने गडरिया जाति के 2015 में जारी एससी जाति प्रमाण-पत्र के सहारे फिर से आवेदन कर दिया। उन्होंने शिकायत की है कि ओमवीर पिछड़ी जाति का है, जिसका प्रमाण-पत्र तहसील से जारी है, इसलिए इस मामले में ओमवीर का आवेदन निरस्त किया जाए। चुनाव अधिकारी विजय प्रताप सिंह का कहना है कि एआरओ के पास शिकायत आई है, जांच की जा रही है।
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किशनी में भी जाति बदलने की शिकायत
किशनी। किशनी में भी भाजपा नेता रमाशंकर तिवारी ने सीडीओ ईशा प्रिया से जाति प्रमाण-पत्र की शिकायत की है। उनका कहना है कि अरसारा प्रधान पद के लिए राजेश बाबू पुत्र राम सिंह ने नामांकन किया है। राजेश की जाति पहले कुछ और थी लेकिन एक सप्ताह पहले लेखपाल अनुराग कुमार ने राजेश के नाम एक सप्ताह पहले एससी जाति का प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। इसलिए इस मामले में जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सीडीओ ने तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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