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बोले मैनपुरी: दम तोड़ते सहकारिता क्षेत्र को सरकारी संजीवनी की जरूरत

Mainpuri News - मैनपुरी। किसानों को समय से खाद मिले और किसान समय से ली गई खाद का भुगतान कर दें। इसके अलावा समितियों के जरिए किसानों से जुड़ी योजनाओं का लाभ पात्रों तक

Newswrap हिन्दुस्तान, मैनपुरीMon, 31 March 2025 12:08 AM
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बोले मैनपुरी: दम तोड़ते सहकारिता क्षेत्र को सरकारी संजीवनी की जरूरत

किसानों को समय से खाद मिले और किसान समय से ली गई खाद का भुगतान कर दें। इसके अलावा समितियों के जरिए किसानों से जुड़ी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाया जाए। इस संकल्प के साथ सहकारिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहकारी समितियों में समय-समय पर प्रयोग तो होते हैं मगर समितियों की माली हालत को सुधारने के लिए अपेक्षित प्रयास नहीं होते। हैरत की बात तो यह की समितियों में कार्यरत जिन कर्मचारियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने का जिम्मा है वही कर्मचारी उत्पीड़न का शिकार है। हिन्दुस्तान के बोले मैनपुरी संवाद के दौरान इन कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा रखी और कहा कि कर्मचारियों को जो जिम्मेदारियां मिली हुई हैं। उनकी समीक्षा करने वाले अफसर कर्मचारियों के हितों से जुड़ी योजनाओं पर भी नजर डालें ताकि उनका भी भला हो सके।

जनपद में 60 से अधिक सहकारी समितियां संचालित है। जहां कर्मचारियों की तैनाती भी है। जिला सहकारी बैंक के जरिए इन समितियों को किसानों को जोड़ा गया है। सरकार सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए समितियों का कार्यक्षेत्र बढ़ाने के लिए बड़ी कार्ययोजना पर काम कर रही है लेकिन इन समितियों पर संसाधन जुटाने के दृष्टिगत प्रयास नहीं किए जा रहे। घाटे में चलने वाली समितियों को मदद नहीं मिल पाती या फिर घाटे की भरपाई के प्रयासों के क्षेत्र में भी कोई काम नहीं होता। जिन समितियों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें रहती हैं वहां भी कर्मचारियों को दोषी मानकर कार्रवाई कर दी जाती है। लेकिन इसके पीछे जो लोग और भी हैं उन पर कार्रवाई नहीं होती। समिति के कर्मचारियों की सबसे बड़ी मुश्किल काम के बदले वेतन की है।

सरकार ने इस साल भी समितियों से खाद बंटवाई। कर्मचारियों ने दिन -रात मेहनत की मगर कई महीनों से उन्हें वेतन ही नहीं दिया गया है। जिससे वह और उनका परिवार आर्थिक संकट से गुजरने लगे हैं। कर्मचारियों को कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार की तरह प्रदेश सरकार भी कर्मचारियों और समितियों का जिला योजना से वित्तीय सहायता देकर भला कर सकती है। कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उनका वेतन बढ़ाया जाए। बकाया वेतन दिलाया जाए। इसके अलावा आयुष्मान योजना से भी उन्हें जोड़ लिया जाए। सहकारी समितियों पर हमेशा खाद और बीज उपलब्ध रहे। किसानों से जुड़ी अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन भी यहां से ही किया जाए। आयुष्मान योजना, किसान सम्मान निधि को भी समितियों से जोड़ दिया जाए। समितियों का विकास होगा तो कर्मचारियों की तरक्की होगी। साथ ही किसानों को एक ही स्थान पर विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा।

बोले कर्मचारी

पूरे जिले में कुल 58 समितियां संचालित हैं। सहकारी समिति कर्मचारी कार्य कर रहीं हैं। जिसमें से दो समितियां ऐसी है जिनका समय से भुगतान हो लेकिन 56 समितियों को वर्षों से भुगतान नहीं हो रहा है।

-अमित कुमार

सहकारी समिति कर्मचारी का समय से वेतन का भुगतान न होने से बच्चों की शिक्षा में संकट खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय में उनके बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। फीस समय से जमा न होने पर उन्हें शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।

-राहुल कुमार

सहकारी समिति के कर्मचारियों को पीएफ की सुविधा नहीं मिल रही है। जिससे वह नौकरी को अलविदा कहेंगे तब भी उनके हाथ खाली ही रहेंगे। नई नियुक्ति पर यह व्यवस्था की जाए ताकि वह उसका लाभ उठा सकें।

-प्रबल प्रताप यादव

मैनपुरी जिला की उ.प्र. सहकारी समिति के कर्मचारी को वेतन ने मिलने से परिवार के भरण पोषण पर संकट गहरा गया है। कई महीने बीत गए हैं लेकिन वेतन को लेकर विभाग की ओर से कोई पहल शुरू नहीं हुई है।

-आदेश यादव

समिति के कर्मचारी को नियमित वेतन के लिए मध्य प्रदेश सरकार की तरह जिला योजना से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए। जिससे सभी कर्मचारियों का भला हो सकेगा।

-संजय कुमार

समिति कर्मचारियों का वेतन विगत कई वर्षों से बकाया चल रहा है। जिसके लिए कई बार प्रदर्शन किया गया। लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बकाया वेतन का प्राथमिकता के आधार पर भुगतान कराया जाए।

-वेद प्रकाश

वर्तमान में180 कर्मचारी पूरे जनपद में कार्य कर रहे हैं। सहकारी समिति द्वारा उनसे वसूली का कार्य भी लगातार कराया जा रहा है। मगर कर्मचारियों को न तो यात्रा भत्ता मिल रहा है और न ही अन्य सुविधाएं।

-राजेश कुमार

कर्मचारियों को पदोन्नति सचिव पद पर और नई नियुक्ति भी नहीं की जा रही है। जिससे कर्मचारियों पर कार्य का भार अधिक होता जा रहा है। नए कर्मचारियों को नियुक्ति हो उन्हें कुछ सहयोग मिले।

-भूपेंद्र कुमार

सहकारी समिति के कर्मचारी राज्य कर्मचारी का दर्जा की मांग को लेकर बीते पांच वर्षों से सरकार को संबोधित मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। राज्य कर्मचारी की सुविधाओं से सभी कर्मचारी को जोड़ा जाए।

-अभिषेक कुमार

समिति के कर्मचारियों को आयुष्मान कार्ड योजना से भी अभी तक नहीं जोड़ा गया है। जिससे स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए ताकि उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

-प्रवीण कुमार

सहकारी समिति के कर्मचारियों को जिला सहकारी बैंकों में समायोजित किया जाए। जिससे सरकारी सुविधाओं से उनके परिवार का भरण पोषण करने में भरपूर सहयोग मिलेगा।

-ऋषि कुमार

जिले की कुछ सहकारी समितियां ऐसी है जिन पर पांच साल से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है। वहां परिवार आर्थिक संकट के कगार पर पहुंच गया है। ऐसी समिति के सभी कर्मचारियों को चिह्नित कर वेतन उपलब्ध कराया जाए।

-अजीत कुमार

सहकारी समिति के कर्मचारी गेहूं, धान की खरीद आदि का कमीशन, भाड़ा, पल्लेदारी व सुख सुविधा का भुगतान एंजेसियों से कराया जाए। पीसीएफ कमीशन में की गई कटौती को अविलंब वापस कराया जाए।

-आशू दुबे

समिति द्वारा किए जा रहे आपातकालीन ऋण वसूली पर केंद्र सरकार से तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान अक्टूबर 2022 से जून 2024 तक बकाया भुगतान कराया जाए। जिससे कर्मचारियों को सहयोग मिलेगा।

-विमल कुमार

समिति कर्मचारियों का स्थानांतरण अन्य समितियों पर तब तक न हो तब तक वर्तमान तैनाती समिति से बकाया पूर्ण भुगतान न हो जाए। जिससे कर्मचारियों का वेतन अधिक समय तक नहीं रुकेगा और परेशानी नहीं होगी।

-कुलदीप

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