नकली दवाइयां के खेल का हुआ खुलासा तो लोगों की उड़ गई नींद
मैनपुरी। घिरोर के एक मेडिकल स्टोर पर नकली दवाईयों की बिक्री होने की पुष्टि होने के बाद दवाईयों की बिक्री पर सवाल खड़े हो गए हैं।
घिरोर के एक मेडिकल स्टोर पर नकली दवाइयों की बिक्री होने की पुष्टि होने के बाद दवाइयों की बिक्री पर सवाल खड़े हो गए हैं। जांच के दौरान जो छह दवाइयां नकली पायी गईं उनकी कंपनियां असली है या फर्जी इसकी पड़ताल भी हो, ऐसी मांग उठने लगी है। नकली दवाइयों से जुड़ी कंपनियां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु राज्यों से जुड़ी हैं। इनके पते पर विभाग ने नोटिस भी भेजे हैं। जनपद में 400 से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित हैं। जहां इस तरह की कंपनियां अपने उत्पादों की सप्लाई भेजती रहती हैं। जहां तक दवाइयों के असली और नकली होने का सवाल है तो इसकी पहचान मरीज और तीमारदारों को न के बराबर होती है। मेडिकल स्टोर संचालक भी थोक की दुकानों से दवाइयों की खरीदारी करते हैं और उनकी फुटकर बिक्री अपनी दुकानों पर करते हैं। जिले का ड्रग विभाग समय-समय पर मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी करता है और जिन दवाइयों के सैंपल लिए जाते हैं उनकी जांच भी कराई जाती है। इसी जांच के तहत घिरोर के मेडिकल स्टोर पर छह नकली दवाओं की बिक्री सामने आयी। हालांकि अब तक इस मेडिकल स्टोर को न तो सील किया गया और न ही इसके संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है। विभाग ने दवाइयों से जुड़ी कंपनियों को उनके पते पर नोटिस भेजने की कार्रवाई तो कर दी है। लेकिन विभाग के अधिकारी भी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि कहीं ये कंपनियां तो फर्जी नहीं हैं।
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