बोले मैनपुरी: दुश्मन के खिलाफ हमेशा तैयार हैं ‘अंजनी के लाल
Mainpuri News - मैनपुरी। मैनपुरी से कुरावली हाईवे पर आवागम करने के दौरान अंजनी नाम का एक गांव नजर आता है।
मैनपुरी से कुरावली हाईवे पर आवागम करने के दौरान अंजनी नाम का एक गांव नजर आता है। यूं तो यह गांव अन्य गांव की तरह सामान्य दिखाई पड़ता है, लेकिन इस गांव में सेना की एक बटालियन रहती है, ऐसा भी लोग कहते हैं। यह बात सिर्फ कहने की नहीं है बल्कि सच भी है। इस गांव में 300 से अधिक लोग सेना में है, और विभिन्न स्थानों पर देश सेवा के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। पहलगाम की घटना के बाद हिन्दुस्तान के बोले संवाद के दौरान यहां के लोगों ने कहा कि यहां के युवाओं को सरकार मौका तो दे।
युवा दुश्मनों को धूल चटा देंगे। सीने पर गोली खाकर देश की रक्षा करेंगे। यहां के निवासी फौजियों का कहना है कि उन्होंने हमेशा देश के लिए जज्बा पैदा किया। इन फौजियों की परिवार के लोग भी कहते हैं कि पाकिस्तान और उसका आतंकवाद नुकसान पहुंचा रहा है इसे जड़ से मिटाया जाए। सुल्तानगंज ब्लॉक का एक गांव अंजनी वीर जवानों के नाम से जाना जाता है। इस गांव की आबादी आठ हजार के लगभग है। गांव में 300 से अधिक लोग सेना में नौकरी कर रहे हैं। 80 से अधिक लोग सेवानिव़ृत हो चुके हैं। पहलगाम की घटना के बाद यहां के लोग बॉर्डर पर सेवा देने के लिए तैयार हैं। रिटायर्ड फौजियों का कहना है कि सरकार फिर से उन्हें दोबारा लड़ने का मौका दे। हम अपनी वीरता से पाकिस्तान को धूल चटा देंगे। गांव के युवाओं का देश के प्रति लड़ने का जज्बा है लेकिन अग्निवीर योजना ने युवाओ के अरमानों पर पानी फेरा है। ऐसे समय में युवा अभी भी सरकार की तरफ नजरे गढ़ाए हुए है। गांव के युवाओं की भारत सरकार से मांग है कि वह जल्द अहीर रेजीमेंट की स्थापना भी करें। जिससे यह समाज ऐसे मौके पर बॉर्डर पर जाकर अपने देश के लिए जान कुर्बान कर सके। यहां के निवासी अरविंद यादव कहते हैं कि अंजनी गांव सेना के जवानों का गांव है। यहां पर कई लोग शहीद हुए हैं। जिसमें प्रवीन कुमार यादव कारगिल युद्ध में 1999 में शहीद हुए थे। उनके शहीद होने पर पूरा गांव रोया था। उनकी शहादत की कसम खाकर यहां के युवाओं ने फौज में जाने का मन बना लिया है। सुबह होते ही युवाओं की फौज सड़कों पर दौड़ती नजर आती है। आने वाले समय में यहां के युवा फौज में शामिल होकर देश का नाम रोशन करेंगे। ऐसा युवाओं का कहना है। युवा चाहते हैं कि सरकार सेवा की भर्ती शुरू करें ताकि उन्हें अभी जरूरत पड़ने पर देश की सेवा का मौका मिले। यहां के युवा आतंकवादी हो या फिर दुश्मन मुल्क जब भी जरूरत होगी सीने पर गोली खाकर भारत माता की जय बोलेंगे और सीमा की रक्षा करेंगे। अंजनी गांव में सेना में जाने का जुनून घर-घर नजर आता है। लोग अपने बच्चों को इस बात की सीख भी देते हैं कि सीमा की रक्षा मां की रक्षा करने के बराबर है। यहां के युवाओं में बड़ों को देखकर सेना में भर्ती होने का जोश और जुनून हर समय नजर आता है। इसी जोश के चलते यहां के युवा सुबह 4 बजे से ही सड़कों पर दौड़ लगाते हुए नजर आते हैं। इन युवाओं को आर्मी में भर्ती होने के लिए सार्वजनिक ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी रिटायर होकर गांव में रह रहे सेना के जवान निभाते हैं। रिटायर फौजियों का कहना है कि युवाओं को सेना में भर्ती होने से पहले देश सेवा का जज्बा सिखाना बहुत जरूरी है। उन्हें ये भी बताया जाना जरूरी है कि सेना में अनुशासन सबसे बड़ा काम है। अधिकारियों का सम्मान और उनके आदेश का पालन करना प्रत्येक सैनिक की बड़ी जिम्मेदारी है। यही जिम्मेदारी निभाने से पहले उन्हें भर्ती से पहले प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। यह जिम्मेदारी रिटायर्ड सैनिकों के साथ-साथ सरकार को भी निभानी चाहिए। अंजनी गांव आसपास गांवों के लिए बड़ी नजीर है। यहां के एक ही घर के 11 लोग सेना में शामिल होकर देश सेवा कर रहे हैं। बोले लोग आतंकवाद का खात्मा करके ही अब यह लड़ाई रोकी जाए। कश्मीर हमारा स्वाभिमान और सम्मान है। पाकिस्तान सम्मान पर हमला करता है। उसे सबक सिखाया जाए। -गौरव यादव सेना ने जो साहस और ताकत दुनिया को दिखाई, उसस पड़ोसी देश सदमे में आ गए हैं। कोई भी भारत को निशाना बनाएगा तो हमला करने वालों को हमला महंगा पड़ेगा। -राहुल यादव अंजनी के युवाओं को जब-जब मौका मिलता है वह देश की सेवा को खड़े हो जाते हैं। सरकार युवाओं को देश की सेवा करने को फिर से स्थाई नौकरी देने की व्यवस्था करें। -जीतू यादव निश्चित रूप से देश की सेवा करने से जीवन सफल हो जाता है। लेकिन सरकार ने अग्निवीर जैसी योजना को बढ़ावा देकर इस सेवा में बाधा पैदा की है। -आयुष यादव मैनपुरी जैसे छोटे जिले में अंजनी गांव की पहचान एक बटालियन के रूप में भी लोग करने लगते हैं। इस गांव के युवाओं का जोश सेवा में जाने के लिए बचपन से ही पैदा हो जाता है। -रोहित यादव मुझे इस बात पर बहुत गर्व होता है कि मेरे गांव के 300 से अधिक लोग सेना और पुलिस में भर्ती हो देश और समाज की सेवा कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह लोग सम्मान के बड़े हकदार हैं। -पुष्पेन्द्र कुमार पहलगाम की घटना आने के बाद मन खराब हुआ। सोचा कि यदि मुझे जिम्मेदारी मिल जाए तो आतंकवादियों को जड़ से मिटा दूँ। पाकिस्तान आतंकवादियों को पाल रहा है। -विवेक यादव सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद को जमींदोज किया है। ऑपरेशन सिंदूर महिलाओं के प्रति सेना का सम्मान है। हर सैनिक इस सम्मान की सराहना करता है। -पुष्पेंद्र यादव
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