लखीमपुर के ध्यानार्थ : लखीमपुर से लाए दो शावक और एक मादा बाघ महराजगंज जंगल में छोड़े गए
Maharajganj News - -जंगल में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में छोड़े गए

लखीमपुर/महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। सात दिनों से पिंजरे में बंद रहे शावक को आखिर आठवें दिन आजादी मिल गई। उसे लखीमपुर खीरी से महराजगंज के सोहगीबरवा वन प्रभाग में लाया गया है। लखीमपुर के डीएफओ संजय विश्वाल खुद उसे लेकर महराजगंज आए। यहां बाघिन के लोकेशन वाले शिवपुर जंगल में इसे छोड़ा गया। लखीमपुर के मोहम्मदी वनरेज की महेशपुर इलाके की बिलहरी बीट के गांव मूड़ा अस्सी से आंखों से ओझल हुए शावक को एक मई को मैगलगंज और महेशपुर रेंज की सयुंक्त वन टीम ने करीब एक सप्ताह पहले पकड़ा था। शावक को महेशपुर रेंज के चैतीपुर गेस्ट हॉउस मे रखा गया था।
उच्च अधिकारियों के निर्देश पर गुरुवार की सुबह शावक को अपनी मां के पास सोहगीबरवा जीव प्रभाग महराजगंज भेज दिया गया। 23 अप्रैल को गांव मूड़ा अस्सी में ट्रेकुलाइज करके बाघिन और एक शावक को पकड़ा गया था। दोनों को 25 अप्रैल को सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग महराजगंज लाया गया था। लेकिन एक शावक आंखों से ओझल हो गया था। कई दिन तक महेशपुर रेंज की वन टीम तलाशती रही थी। एक मई को छह माह के शावक को महेशपुर रेंज के बार्डर पर मैगलगंज रेंज के बैबहा गांव के पास ट्रैंकुलाइज करके पकड़ लिया गया। शावक को महेशपुर रेंज के महेशपुर के पास चैतीपुर गेस्ट हॉउस मे रखा गया। आला अधिकारियों के निर्देश पर गुरुवार की सबेरे करीब चार बजे शावक को डीएफओ संजय विश्वाल के निर्देशन में शिवपुर रेंज लाया गया। डीएफओ निरंजन सुर्वे ने बताया कि शावक को शिवपुर जंगल में छोड़ दिया गया है।
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