तेंदुए के जाल में फंसने की स्थलीय जांच में जुटे जिम्मेदार
Maharajganj News - सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के गंडक बीट के जंगल में जाल में फंसे तेंदुए को वनकर्मियों ने कानपुर चिड़ियाघर तो पहुंचा दिया। लेकिन उसके जाल में फंसने व गश्त में लापरवाही किए जाने को लेकर...
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के गंडक बीट के जंगल में जाल में फंसे तेंदुए को वनकर्मियों ने कानपुर चिड़ियाघर तो पहुंचा दिया। लेकिन उसके जाल में फंसने व गश्त में लापरवाही किए जाने को लेकर अधिकारियों ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए स्थलीय जांच शुरू करा दिया है। अधिकारियों के निर्देश पर जहां रेंजर व एसडीओ स्तर के अधिकारी जांच में लगे हुए हैं वहीं कब किसके विरुद्ध कार्रवाई हो जाएगी, इसका भी भय सता रहा है।
बीते शनिवार को गंडक बीट के एक वाचर ने एक तेंदुए को फंसा हुआ देखकर रेंजर जगरनाथ प्रसाद को सूचना दी। रेंजर की सूचना पर डीएफओ भी मौके पर पहुंचे। वनकर्मियों के साथ तेंदुए को जाल व पिंजरा के जरिए पकड़ कर निचलौल रेंज में ले आए और इसके अगले दिन वनकर्मियों ने कानपुर चिड़ियाघर पहुंचा दिया। तेन्दुआ के जाल में फंसे होने से कई तरह के सवाल छोड़ दिए। इसको लेकर डीएफओ ने रेंजर व एसडीओ से स्पष्टीकरण तलब किया है और गंडक बीट के प्रभारी को निलंबित कर दिया। इधर तेन्दुए के फंसे होने के सबूत के लिए वनकर्मी जांच में जुटे हुए हैं। पूरा स्टाफ इसी की स्थलीय जांच व साक्ष्यों को जुटाने में लगा हुआ है।
निचलौल रेंज के गंडक बीट में तेंदुए के जाल में फंसने की जांच की जा रही है। वन विभाग के पास स्टाफ काफी कम है और बड़े क्षेत्रफल में फैले जंगल की रखवाली करनी एक चुनौती है। ऐसे में लापरवाही कहां से हुई है, इसका पता लगाया जा रहा है।
घनश्याम राय, एसडीओ-निचलौल
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