नेपाल कस्टम कार्यालय पर बिचौलिए हावी, लुट रहे पर्यटक
नेपाल की आर्थिक व्यवस्था पर्यटन उद्योग पर निर्भर है, फिर भी भारतीय पर्यटक सीमा पर बिचौलिए के कारण असुविधा का सामना कर रहे हैं। सोनौली सीमा पर कस्टम कार्यालय में बिचौलिए पर्यटकों से पैसे वसूलते हैं,...
सोनौली, हिन्दुस्तान संवाद। नेपाल की आर्थिक व्यवस्था बहुत कुछ पर्यटन उद्योग पर निर्भर है। इसके बाद भी सीमा पर सुविधा के नाम पर भारतीय पर्यटक असुविधा झेलने को मजबूर हैं। सीमा के बेलहिया कस्टम कार्यालय पर बिचौलिए हावी हैं, जिससे लोगों की जेब ढीली हो रही है।
भारत-नेपाल की सोनौली सीमा सबसे बड़ा स्थल मार्ग है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में विदेशी व भारतीय पर्यटक वाहनों की नेपाल में एंट्री होती है। इसके लिए नेपाल सीमा में गाड़ी का भंसार व रोड परमिट बनवाना होता है। नेपाल सरकार का दावा है कि कोई भी यात्री सुविधा या कस्टम कागज सहित रोड परमिट खुद कस्टम कार्यालय में पहुंचकर बनवा सकता है।
इसके लिए आनलाइन के साथ आफलाइन के लिए खिड़कियों पर कस्टम कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गयी है। लेकिन इन सबके बावजूद बिचौलिए हावी हो गए हैं। ग्रुप बनाकर सैकड़ों की संख्या में बिचौलिए भारतीय वाहनों के घुसते ही घेर लेते हैं और जल्द कस्टम कागज बनवाने का भरोसा देकर पर्यटकों को लूटते हैं। इसमें कस्टम के कुछ जिम्मेदारों की मिलीभगत भी बताई जा रही है।
भारत-नेपाल मैत्री संघ के अध्यक्ष अनिल गुप्ता का कहना है कि फ्री पास के लिए आम आदमी खिड़की पर लम्बे समय तक लाइन में खड़ा होता है। जबकि दलाल 100 रुपये लेकर पर्ची संग 50 रुपये काउंटर पर देकर काम करा लेता है। व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुभाष जायसवाल कहते हैं कि यही हाल कस्टम कागज बनाने का है। दलाल को 300 रुपये दीजिए और वह पहले काम कराकर दे देगा। मजबूरी में लोग अपनी जेब ढीली कर रहे हैं।
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