नेपाल ने बनाई अस्थायी चौकियां, तंबू पर है चीनी भाषा
लॉकडाउन में इंडो-नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय बार्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। भारतीय जांच एजेंसियों के साथ-साथ नेपाली सुरक्षा बल भी सतर्क है। इन दिनों सीमा से थोड़ी दूर पर ही बरगदवा से लेकर भुजहवा तक नेपाल...
लॉकडाउन में इंडो-नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय बार्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। भारतीय जांच एजेंसियों के साथ-साथ नेपाली सुरक्षा बल भी सतर्क है। इन दिनों सीमा से थोड़ी दूर पर ही बरगदवा से लेकर भुजहवा तक नेपाल ने निगरानी के लिए कई अस्थायी चौकियां बनाई हैं। कौतूहल वाली बात यह है कि यह सभी अस्थायी कैम्प तंबू में बनाए गए हैं। इन तंबू पर चीनी भाषा में कुछ लिखा हुआ है। इसको लेकर सीमावर्ती क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। हालांकि सीमा पर तैनात एसएसबी के अफसरों का कहना है कि मामला जानकारी में आने के बाद छानबीन की गई है। यह तंबू राहत बचाव कार्य के लिए चीन ने नेपाल को मदद के रूप में मुहैया कराया है। यहां तैनात सभी सुरक्षा कर्मी नेपाल के हैं। वहां चीन का कोई दखल नहीं है।
नेपाल से सटे जिले की 84 किमी खुली सीमा से होती है घुसपैठ
भारत व नेपाल का 84 किमी अंतर्राष्ट्रीय सरहद महराजगंज जिले से सटा है। यह सीमा पूरी तरह खुली है। निगरानी के लिए एसएसबी तैनात है। इसके बाद भी इस बार्डर पर कई खूंखार आतंकी गिरफ्त में आ चुके हैं। सीमा पार चीन पर भी कई गतिविधियां संचालित करने के लिए फंडिंग का मामला सामने आता रहता है। जगह-जगह चीनी भाषा नि:शुल्क सीखने के लिए केन्द्र संचालित हो रहा है। अब बार्डर पर नेपाल सुरक्षा एजेंसियां भी चीन की मदद किए तंबू से सरहद की निगरानी के लिए अस्थाई चौकियां बनाने लगी हैं। इसको लेकर लोगों में अटकलबाजी का दौर शुरू है।
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