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रातभर जांचकर आबकारी विभाग ने दूर कराईं फॉर्म की त्रुटियां

Maharajganj News - महराजगंज, निज संवाददाता। शराब की 285 दुकानों को ई-लॉटरी से आवंटन के लिए आए

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजWed, 5 March 2025 02:56 AM
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रातभर जांचकर आबकारी विभाग ने दूर कराईं फॉर्म की त्रुटियां

महराजगंज, निज संवाददाता। शराब की 285 दुकानों को ई-लॉटरी से आवंटन के लिए आए 4859 फार्म की जांच में आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने पूरी रात जाग कर गुजारा। इस दौरान करीब छह सौ आवेदन पत्रों में हल्की त्रुटियां मिलीं। इसे ट्रेस करने के बाद कर्मियों ने आवेदकों को फोन कर बुलाया। उसके बाद त्रुटियों को सुधारा गया। करीब 80 फार्म में बड़ी गलतियां मिली। उसे भी दुरूस्त कराया गया। मंगलवार शाम पांच बजे सभी आवेदन पत्रों की जांच पूरी की गई। एक भी आवेदन पत्र त्रुटियों की वजह से निरस्त नहीं हुआ।

जिले में मदिरा की कुल 285 दुकानें हैं। इसमें से देशी शराब की 179 दुकान, अंग्रेजी व बीयर की 100 कम्पोजिट दुकान, 2 माडल शॉप व 4 भांग की दुकानें हैं। इन सभी का ई-लॉटरी के जरिए वर्ष 2018 में आवंटन हुआ था। तबसे इन दुकानों का आवंटन नवीनीकरण के माध्यम से ही कर दिया जा रहा था। अब शासन ने फिर से ई-लॉटरी के जरिए शराब दुकानों के आवंटन का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी दुकानों पर कुल 4859 आनलाइन आवेदन पत्र आए हैं।

जिला आबकारी अधिकारी अतुल चंद्र द्विवेदी जिले में शराब की सभी दुकानों के लिए आए आवेदन पत्रों की जांच पूरी कर ली गई है। एक भी आवेदन निरस्त नहीं हुआ है। दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी के माध्यम से छह मार्च को की जाएगी। ई-लॉटरी के दौरान कलक्ट्रेट परिसर में आवेदकों के बैठने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।

फार्म जमा करने पर लाखों खर्च किए हैं आवेदन

नगर पालिका से तीन किमी के अंदर की दुकानों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क 50 हजार व कम्पोजिट दुकानों का प्रोसेसिंग शुल्क 75 हजार, नगर पंचायत से एक किमी के दायरे की दुकानों का प्रोसेसिंग शुल्क 45 हजार व कम्पोजिट दुकानों का प्रोसेसिंग शुल्क 65 हजार, ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों के फार्म की प्रोसेसिंग शुल्क 40 हजार रूपया व व कम्पोजिट दुकानों का प्रोसेसिंग शुल्क 55 हजार है। पिछली बार कुल 35 सौ फार्म जमा हुए थे। इस बार अधिक फार्म जमा है।

28 फरवरी से आवेदन पत्रों की जांच हो रही है। दर्जनों आवेदक ऐसे हैं जो दस से अधिक दुकानों के लिए आवेदन किया है। आवेदन के लिए भारी प्रोसेसिंग शुल्क जमा होने के मद्देनजर आबकारी विभाग की कोशिश थी कि एक भी आवेदन निरस्त ना होने पाए। सभी को ई-लॉटरी में शामिल होने का मौका मिले। जिला आबकारी अधिकारी अतुल चंद्र द्विवेदी के निर्देश पर आबकारी निरीक्षक सदर अमित दुबे व आबकारी निरीक्षक निचलौल वैभव कुमार यादव ने कर्मियों के साथ शिफ्ट में आवेदन पत्रों की जांच पूरा किया।

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