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अपमिश्रित पेट्रोल के नमूने की लैब की जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें

Maharajganj News - निचलौल में एक टैंकर से 9000 लीटर अपमिश्रित पेट्रोल पकड़ा गया है। नमूना जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने चालक और खलासी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजSun, 9 Feb 2025 12:10 AM
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अपमिश्रित पेट्रोल के नमूने की लैब की जांच रिपोर्ट पर टिकी निगाहें

निचलौल, हिन्दुस्तान संवाद। निचलौल में बीते रविवार को पकड़े गए नौ हजार लीटर भरे टैंकर में अपमिश्रित पेट्रोल के लैब जांच की निगाहें टिकी हुई हैं। नमूना आपूर्ति विभाग के अधिकारी लैब में जांच के लिए भेजे हैं। इस मामले में पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर निचलौल पुलिस ने टैंकर स्वामी, चालक और खलासी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था और चालक तथा खलासी को पकड़कर न्यायालय चालान भेजा था। जांच रिपोर्ट के ही आधार पर ही आगे एक्शन होने वाला है।

रविवार की रात में निचलौल पुलिस ने अपमिश्रित पेट्रोल (सॉल्वेंट) लदा एक टैंकर पकड़कर थाने में बंद किया। इसके साथ इसका चालक और खलासी भी था। इस टैंकर के चार चैंबर में से तीन चैंबर में तीन- तीन हजार लीटर तेल भरा हुआ था, जबकि चौथा चैंबर खाली था। आपूर्ति विभाग की टीम ने तीनों चैंबर का अलग अलग सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेज दिया था।

पूर्ति निरीक्षक इंद्रभान सिंह पटेल ने बताया कि निचलौल में पकड़े गए अपमिश्रित पेट्रोल (सॉल्वेंट) लदे टैंकर से तेल का नमूना जांच के लिए भेजा गया है। अभी रिपोर्ट नहीं आई है। लैब की जांच रिपोर्ट को पुलिस विवेचना में शामिल करेगी और उसके बाद कार्रवाई की अगली प्रक्रिया शुरू होगी। टैंकर पकड़े जाने के बाद अभी तक कोई वैध कागजात नहीं मिला है।

फैक्ट्रियों का सॉल्वेंट गैर औद्योगिक क्षेत्र में पकड़े जाने पर सवाल:

निचलौल पुलिस ने एक ऑयल कंपनी के लोगो और नाम लिखे टैंकर पर अपमिश्रित पेट्रोल (सॉल्वेंट) पकड़ा गया था। यह सॉल्वेंट वैध कागजात पर कानपुर और अन्य शहरों में फैक्ट्रियों में उपयोग के लिए आपूर्ति होता है। इसकी खपत केवल औद्योगिक क्षेत्र में होती है, लेकिन बार्डर क्षेत्र में इस तेल लदे टैंकर के पकड़े जाने पर इसके खरीद बिक्री किए जाने के कार्य पर सवाल उठ रहा है कि इस क्षेत्र में किस फैक्ट्री में इसकी खपत है, जबकि पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में कोई ऐसी फैक्ट्री नहीं है, जहां इस तरह के केमिकल (सॉल्वेंट) की खपत होती हो। इन सभी तथ्यों से तेल की कालाबाजारी को बल मिल रहा है।

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