हीट वेव से बचाएगा आपदा प्रबंध प्राधिकरण, तैयारियां पूरी
Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। अप्रैल महीना शुरू होने के साथ ही मौसम का पारा भी

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। अप्रैल महीना शुरू होने के साथ ही मौसम का पारा भी चढ़ने लगा है। अधिक तापमान बढ़ा तो लू लगने की भी आशंका बढ़ गई है। इस वर्ष मौसम में अधिक गर्मी व लू चलने की आंशका जताई जा रही है। इसे देखते हुए जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने तैयारियां शुरू कर दी है।
जल्द ही शहर से लेकर गांवों तक आग बुझाने, लू से बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान शुरू होगा। इसका मकसद अधिक से अधिक लोगों को लू और आग की घटना व क्षति से बचाना है।
कब होता है हीट वेव
आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ चंदन द्विवेदी ने बताया कि हीट वेव (लू) असमान्य रूप से उच्चतम तापमान की वह अवधि है जब तामपान सामान्य तापमान से अधिक दर्ज किया जाता है। यह सामान्य तौर पर मार्च से जून तक होता है। कभी-कभी तो जुलाई में भी असर दिखाता है। सोमवार को दोपहर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यदि किसी स्थान पर लगातार दो दिनों तक तापमान 45 डिग्री सेल्यिस तक बना रहे तो उसे हीट वेव की स्थिति कहा जाता है। गंभीर हीट वेव 47 डिग्री सेल्सियस तक होता है।
क्या होता है येलो, आरेंज व रेड अलर्ट
आपदा प्रबंध विशेषज्ञ चंदन द्विवेदी हिट वेव तीन तरह का होता है। पहला येलो अलर्ट होता है। इसमें हीट वेव की स्थिति दो दिनों तक बनी रहती है। इस अवधि में शिशु, वृद्ध व गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। आरेंट अलर्ट वह स्थिति है जिसमें दो दिनों तक गंभीर हीट वेव की स्थिति बनी रहे। यह चार या चार से अधिक दिनों तक रहने पर गंभीर अवस्था में होती है। रेड अलर्ट वह स्थिति है जिसमें गंभीर लू की स्थिति दो से अधिक दिनों तक बनी रहे। लू छह दिनों तक रहेगा तो अत्यंत गंभीर स्थिति होती है। इस अवधि में सभी उम्र के लोगों को हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता है।
हीटवेव से बचने के उपाय
दोपहर में घर से न निकलें। ढीले ढाले सूतीव हल्के रंग के आरामदाय कपड़े पहनें। अपने सिर को ढककर चलें, टोपी या गमछा या छाता लेकर चलें। भले ही प्यास न लगे लेकिन पर्याप्त पानी पीते रहें। ओारएस या घर पर बने पेय पदार्थ जैसे छाछ, लस्सी, नीबू पानी, आम का पन्ना आदि का अधिक सेवन करना चाहिए।
जनपद वासियों को लू से बचाने के लिए जल्द ही जागरूकता अभियान शुरू होने जा रहा है। इसमें जगह जगह कार्यक्रम व प्रशिक्षण का आयोजन कर लू के लक्षण, बचाव आदि की जानकारी दी जाएगी।
चंदन द्विवेदी, आपदा प्रबंध विशेषज्ञ
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