शिक्षकों के खाते से ईपीएफ की कटौती, खाते में जमा नहीं
Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं और कर्मचारियों
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं और कर्मचारियों के मानदेय से सात महीने से लगातार कट रहा ईपीएफ का रुपया उनके खातों में जमा नहीं हो रहा है। शासन भी अपना अंशदान प्रत्येक साल विभाग को दे रहा है। कटौती और अंशदान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के संयुक्त खाते में जमा हो रहा है। ईपीएफ खाते में कटौती और अंशदान जमा न होने से शिक्षक और कर्मचारियों को ब्याज का लाभ भी नहीं मिल रहा।
जिले में 13 कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें वार्डेन, फुल टाइम, पार्ट टाइम शिक्षिकाओं समेत करीब 175 कर्मचारी हैं। वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने 15 हजार रूपये से कम मानदेय वाले शिक्षकों व कर्मचारियों के मानदेय से ईपीएफ की कटौती करने का आदेश दिया था। इस पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत वार्डेन, फुलटाइम शिक्षिका को छोड़कर करीब 75 कर्मियों का मानदेय 15 हजार रूपये से कम है। प्रत्येक के मानदेय से 12 प्रतिशत ईपीएफ की कटौती हर माह होने लगी और शासन से प्रति कर्मचारी 13 प्रतिशत के हिसाब से अंशदान जमा करने का बजट आने लगा। प्रत्येक कर्मचारी का ईपीएफ खाता भी खुलवा दिया गया। पर सात महीने से लगातार मानदेय से कटौती होने और शासन से मिलने वाला अंशदान शिक्षक व कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा नहीं किया जा रहा है। ईपीएफ का रूपया बीएसए और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी के संयुक्त सरकारी खाते में जमा हो रहा है। शिक्षिकाओं व कर्मचारियों ने कई बार खाते में ईपीएफ का रूपया जमा करने की मांग उठाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे शिक्षकाएं व कर्मचारी अधिकारियों के पास चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। शिक्षिकाओं व कर्मचारियों के मुताबिक ईपीएफ खाते में रूपया जमा न होने से सात महीने में जो ब्याज मिलता, वह नहीं मिलेगा। इससे उनको नुकसान हो रहा है। सरकारी खाते में जमा धन पर बैंक जो ब्याज देगी वह सरकारी पैसा होगा। उसका उनको कोई लाभ नहीं मिलेगा।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं और कर्मचारियों के मानदेय से ईपीएफ कटौती की रकम जल्द ही उनके ईपीएफ खाते में चला जाएगा। मानदेय से पुराना पांच महीने की ईपीएफ कटौती की रकम भी खाते में भेजने के लिए संबंधित लेखाकार को कटौती की कई रकम के बारे में जानकारी मांगी जाएगी।
अरविन्द मणि त्रिपाठी, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा
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