पराली जलाने में अपना ही रिकार्ड तोड़ा जिला, दूसरे दिन भी प्रदेश में नंबर वन
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। धान की कटाई के बाद जिले में खेत पराली
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। धान की कटाई के बाद जिले में खेत पराली जलाने से धधक रहे हैं। धुआं से वायु की गुणवत्ता बीमारू अवस्था में पहुंच गई है। पराली जलाने की स्थिति यह है कि किसानों ने अपना पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है। बुधवार की देर शाम आई रिपोर्ट के मुताबिक जिले में अब तक का सर्वाधिक 93 स्थानों पर पराली जलाने का आंकड़ा सेटेलाइट में दर्ज हो गया। प्रदेश भर में पराली जलाने के मामले में जिला लगातार दूसरे स्थान पर रहा।
एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार क्षेत्र में राजस्व कर्मियों के साथ वाहन लेकर दौड़ रहे हैं, लेकिन स्थिति कंट्रोल से पूरी तरह बाहर नजर आई। पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को देख प्रशासन ने कार्रवाई की रफ्तार बढ़ा दिया है। अभी तक पराली जलाने में चिन्हित किए गए 390 किसानों के उपर 15 लाख 50 हजार रूपया का जुर्माना लगाया गया है। जिले में मंगलवार को सर्वाधिक 61 स्थानों पर पराली जलाने की घटना सामने आई थी। बुधवार को यह आंकड़ा बढ़ कर 93 पर पहुंच गया। जिले के अलावा पूरे प्रदेश में एक दिन में पराली जलाने की यह सबसे अधिक घटना है। मिठौरा क्षेत्र में सबसे अधिक पराली जलाने की सूचनाएं मिल रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सेटेलाइट दिन में 12 बजे से लेकर अपराह्न तीन बजे तक सक्रिय रह रहा है। इस दौरान जिले में जहां कहीं भी पराली जाने की घटना हो रही है, सेटेलाइट अपने सेंसर से फौरन उसे पता कर ले रहा है। फिर डाटा जिला प्रशासन को भेज दिया जा रहा है।
खेतों में पराली की आग बुझा रहे अधिकारी
पराली जलाने को लेकर प्रशासन की सतर्कता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान अगर किसी खेत में पराली जलते हुए दिख रही है तो अधिकारी गाड़ी रोक सीधे खेत में पहुंच रहे हैं। मातहतों के साथ खुद आग बुझा रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी वीरेन्द्र कुमार गुरूवार को पनियरा क्षेत्र में पराली जलाने की घटना को लेकर क्षेत्र भ्रमण कर लोगों से संवाद किया। जिस खेत में पराली जलते हुए मिली उसे बुझाया।
पराली जलाने से आसमान में धुएं का धुंध
जिले में गुरूवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 161 के करीब पहुंच गया। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) 69.8 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। पिछले तीन दिन से क्यूआई व वायु में पार्टिकुलेट मैटर की लगातार वृद्धि होती नजर आ रही है। संवेदनशील लोगों के लिए इसे हानिकारक बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार वायु गुणवत्ता का मान 50 या इससे कम होने पर सेहत के लिए अच्छा है। एक्यूआई 150 होने से सांस के संवेदनशील लोगों के लिए हानिकारक व बीमार बनाने वाला है। लोगों को चाहिए कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए संवेदनशील लोग घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाएं।
जिले में पराली जाने की घटना को लेकर लगातार जांच-पड़ताल व कार्रवाई की जा रही है। अभी तक 390 किसानों के खिलाफ 15.50 लाख रूपया का जुर्माना लगाया जा चुका है। पराली प्रबंधन के तहत 810 टन पराली गोशालाओं में भेजा जा चुका है। आठ सौ टन पराली का बंडल बनाया जा चुका है।
वीरेन्द्र कुमार-जिला कृषि अधिकारी
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