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शिकंजा देख निजी अस्पताल से प्रसूता को लाकर कराया सामान्य प्रसव

परतावल, हिन्दुस्तान संवाद। सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराने के लिए सरकार जिला अस्पताल से लेकर

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजWed, 18 Sep 2024 06:08 PM
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परतावल, हिन्दुस्तान संवाद। सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराने के लिए सरकार जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई है। महिला सर्जन की भी तैनाती है, लेकिन कमीशन के लालच में कर्मी तीमारदारों को खौफ दिखाकर उनको निजी अस्पताल भेज दे रहे हैं। ताजा मामला परतावल सीएचसी में देखने को मिला।

यहां प्रसव के लिए आई महिला की हालत नाजुक बताकर आशा उसे गोरखपुर के निजी अस्पताल में भेजने का सलाह दे दी। ऑटो भी बुला ली। परिजन डर की वजह से महिला को भटहट के एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती करा दिये। मामला चिकित्सा अधीक्षक के संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई का डर देख जिम्मेदारों ने निजी अस्पताल में भर्ती प्रसूता को परतावल सीएचसी बुलाया। यहां महिला चिकित्सक व प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की देखरेख में महिला ने बिना आपरेशन सामान्य तरीके से स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया।

परतावल क्षेत्र के रामपुर चकिया की रहने वाली एक महिला अपनी बेटी को प्रसव पीड़ा देख बुधवार की सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परतावल पर लेकर पहुंची। साथ में आशा भी आई थी। वह प्रसव पीड़िता को अस्पताल के अंदर लेकर गई। बिना किसी को दिखाए आरोपित आशा प्रसव पीड़िता का सीजर कराने के लिए गोरखपुर ले जाने के लिए आटो बुला ली।

कुछ लोगों ने आशा की इस करतूत को देखते हुए सभी गतिविधियों पर नजर रखा। आशा कुछ ही देर बाद प्रसव पीड़िता को आटो से गोरखपुर जिले के भटहट स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती करा दिया। कुछ लोगों ने इसकी जानकारी अधीक्षक परतावल को दे दी। इसके बाद हरकत में आई स्वास्थ्य विभाग की टीम आशा को प्रसव पीड़िता को अस्पताल लाने का निर्देश दिया।

छह से दस हजार तक मिलता है कमीशन:

निजी अस्पताल में गर्भवती को ले जाने पर कमीशन छह से दस हजार रुपये तक मिलता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परतावल में प्रसव के लिए रोजाना 15 महिलाओं से ऊपर आती हैं। स्वास्थ्य कार्यकत्री पहले तो सरकारी अस्पताल में लापरवाही की बात कह अनहोनी होने की आशंका बताकर उन्हें डराती हैं। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में ले जाकर सीजर कराती हैं। जिसके एवज में उन्हें मोटी रकम मिलती हैं।

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