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सीओपीडी में दवा के साथ इनहेलर कारगर

विश्व सीओपीडी दिवस के उपलक्ष्य में केजीएमयू जागरूकता शिविर लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। वातावरण में

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 19 Nov 2024 08:46 PM
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विश्व सीओपीडी दिवस के उपलक्ष्य में केजीएमयू जागरूकता शिविर लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।

वातावरण में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इससे सांस संबंधी बीमारियों में भी इजाफा हो रहा है। जागøरूक रहकर फेफड़ों की सेहत को काफी हद तक सलामत रख सकते हैं। यह जानकारी केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने दी।

वह मंगलवार को केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में विश्व सीओपीडी दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि भारत में सीओपीडी के लगभग दुनिया के 14 प्रतिशत मरीज रहते है। सीओपीडी से मरने वालों में भारत के 25 प्रतिशत मरीज हैं। इसकी बढ़ी वजह बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी है। सीओपीडी जैसी बीमारी को लेकर जल्द जांच, इलाज से बीमारी पर काबू पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सीओपीडी के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इन्हेलर को लेकर मरीजों में तमाम तरह की भ्रांतियां हैं। इनहेलर दवाओं के मुकाबले अधिक प्रभावी है। क्योंकि दवा खून से शरीर में जाती है। जबकि इनहेलर सीधे फेफड़ों में जाकर बीमारी पर हमला करती है।

डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण 30 वर्ष की उम्र के बाद दिखने शुरू होते हैं। सबसे पहला लक्षण सुबह-सुबह खांसी आना होता है। इसके बाद धीरे-धीरे सर्दी के मौसम में एवं फिर बाद में साल भर खांसी आती रहती है, तत्पश्चात बलगम भी आने लगता है। बीमारी बढ़ने पर रोगी की सांस भी फूलने लगती है। कार्यक्रम में डॉ. संतोष कुमार, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. ज्योति बाजपेयी, डॉ. अंकित कुमार, डॉ. शिवम श्रीवास्तव एवं जूनियर डॉक्टर्स, मरीज व उनके परिजन उपस्थित रहे।

समय पर कराएं इलाज

केजीएमयू पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि सीओपीडी के कारण 2019 में दुनियाभर में 32 लाख से अधिक मौतें हुईं। प्रदूषित हवा और बीडी-सिगरेट से समस्या और गंभीर हो रही है। समय पर फेफड़ों की जांच और इलाज इस घातक बीमारी से बचाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि सीओपीडी का समय पर इलाज न हो, तो यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। फेफड़ों की कार्यक्षमता की जांच के लिए स्पिरोमेट्री टेस्ट बेहद आसान और प्रभावी उपाय है।

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