World Blood Donor Day 2019 : एक बार रक्तदान से चार मरीजों की बचा सकते हैं जान
रक्तदान से चार मरीजों की जान बचा सकते हैं। खून में प्लेटलेट्स, प्लॉज्मा, क्रायो प्रेस्पिटेड अलग किए जाते हैं। जो अलग-अलग बीमारी से पीड़ित मरीजों के चढ़ाने के काम आते हैं। यह जानकारी लोहिया अस्पताल के...
रक्तदान से चार मरीजों की जान बचा सकते हैं। खून में प्लेटलेट्स, प्लॉज्मा, क्रायो प्रेस्पिटेड अलग किए जाते हैं। जो अलग-अलग बीमारी से पीड़ित मरीजों के चढ़ाने के काम आते हैं। यह जानकारी लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीके शर्मा ने दी।
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीके शर्मा ने कहा कि एक यूनिट खून से चार मरीजों की जान बचाई जा सकती है। क्योंकि सभी मरीजों की जरूरत अलग-अलग होती है। इसलिए खून के कम्पोनेंट को अलग किया जाता है। एक यूनिट से चार तरह के कम्पोनेंट निकाले जाते हैं। उन्होंने कहा कि खून का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसलिए रक्तदान करें। ताकि लोगों का जीवन बचा सकें।
रक्तदान करें, पांच हजार रुपये तक की जांचें मुफ्त में होंगी
रक्तदान से सिर्फ जरूरतमंद मरीज को ही फायदा नहीं है। रक्तदाता को भी फायदा है। रक्तदान से पहले उसकी सेहत की जांच भी हो जाती है। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुब्रत चन्द्रा ने गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में कहा कि खून देने से पहले ब्लड प्रेशर जांच जाता है। रक्तदाता का वजन लिया जाता है। हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। ब्लड ग्रुप का भी पता किया जाता है। दान किए गए खून की बाद में पांच तरह की जांचें होती हैं। इनमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी, हीमोग्लोबिन और मलेरिया की जांच शामिल है। निजी पैथालॉजी में इन जांचों की कीमत कम से कम पांच हजार रुपये है। वहीं नेट टेस्ट कराने पर 15 हजार रुपये का खर्च आ सकता है।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि रक्तदान को लेकर भ्रांतिया हंै। इन्हें दूर करने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
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