Hindi NewsUttar-pradesh NewsLucknow NewsWinter Vacation Leaves Patients Struggling 50 Doctors on Leave at KGMU

अस्पतालों सांस, हार्ट रोगियों पर आफत

Lucknow News - सर्दियों में डॉक्टरों की छुट्टी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में सांस फूलने और खांसी के मरीज बढ़ गए हैं। लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 6 Jan 2025 11:36 PM
share Share
Follow Us on

सर्दियों के साथ डॉक्टरों की छुट्टी ने मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी है। केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग की ओपीडी में सांस फूलने व खांसी के साथ मरीज पहुंच रहे है। लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग में दिल के मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। 50 प्रतिशत डॉक्टर शीतकालीन अवकाश पर हैं। इस वजह से समस्या और भी गंभीर हो गई है। रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में 25 से 30 प्रतिशत मरीज ओपीडी में बढ़े हैं। सोमवार को निमोनिया, अस्थमा और सीओपीडी के मरीज ओपीडी में सबसे ज्यादा थे। मरीजों का दबाव होने से अफरा-तफरी का माहौल था। 50 प्रतिशत डॉक्टर शीतकालीन अवकाश पर हैं। नतीजतन मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। भर्ती मरीजों का दबाव भी बढ़ गया है। उखड़ती सांसें के साथ मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं।

90 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन तो भर्ती हो जाएं

रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि निमोनिया में मरीज को तेज बुखार आता है। सांस लेने में तकलीफ होती है। खांसी आती है। यदि ये लक्षण नजर आ रहे हैं। तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अस्थमा व सीओपीडी मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 90 से कम है तो डॉक्टर की सलाह पर भर्ती हो जाएं। समय पर इलाज से बीमारी को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।

लारी ओपीडी में अफरा-तफरी

लारी कॉर्डियोलॉजी में सर्दी की वजह से मरीजों का दबाव बढ़ा है। सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने से ओपीडी में 250 से ज्यादा मरीज पहुंचे। कोई मरीज दो घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहा था तो कोई तीन घंटे से। दवा के लिए भी मरीजों की लंबी कतार नजर आई। ईसीजी व बीपी जांच के लिए भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। कई मरीजों का पर्चा नहीं बन पाया। नतीजतन वह डॉक्टर की सलाह नहीं ले पाए। अब वह मंगलवार को डॉक्टर की सलाह ले सकेंगे। इमरजेंसी में भी मरीजों का दबाव नजर आया। सीने में दर्द व घबराहट की परेशानी लेकर मरीज इमरजेंसी में पहुंचे। इन्हें टीन सेड के नीचे जांच के बाद बिठा दिया गया। रिपोर्ट आने के बाद इलाज की दिशा तय की जा रही थी। हालांकि गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें