इंतजार खत्म, रायबरेली एम्स की ओपीडी में 13 से अपने को दिखाएं
अखिर वह घड़ी आ ही गई जिसका बड़ी बेसब्री से यहां के लोगों को इंतजार था। बिना किसी तामझाम के निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स-रायबरेली) की ओपीडी 13 अगस्त (सोमवार) से शुरू होने जा रही...
अखिर वह घड़ी आ ही गई जिसका बड़ी बेसब्री से यहां के लोगों को इंतजार था। बिना किसी तामझाम के निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स-रायबरेली) की ओपीडी 13 अगस्त (सोमवार) से शुरू होने जा रही है। ट्रायल बेसिस पर शुरू हो रही एम्स की ओपीडी में पर्चा सिर्फ दस रुपए का बनेगा।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. अशोक ने बताया कि ओपीडी शुरू होने के साथ स्वास्थ्य सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। सुबह आठ बजे से ग्यारह बजे तक मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। ओपीडी बंद होने का टाइम वैसे तो दोपहर दो बजे तक ही रहेगा लेकिन अधीक्षक का कहना है कि रजिस्टर्ड मरीज देखे जाने तक ओपीडी पहले दिन चलाएंगे।
पीजीआई चंडीगढ़ से कंट्रोल हो रही एम्स रायबरेली की ओपीडी में फिलहाल पांच तरह की सेवाएं मिलेंगी। अधीक्षक डॉ. अशोक ने बताया कि शुरुआत में जनरल मेडिसिन के अलावा नेत्र रोग, ओरल हेल्थ साइंसेज, ईएनटी और आर्थोपेडिक का इलाज किया जाएगा। यहां की ओपीडी में पीजीआई-चंडीगढ़ की की तर्ज पर कुछ दवाएं भविष्य में मुफ्त मिलेंगी और कुछ दवाओं के पैसे देने होंगे। उन्होने साफ किया कि फिलहाल अभी ऐसा कुछ नहीं है। यह बाद में तय होगा।
यह डाक्टर संचालित करेंगे ओपीडी :
डेंटल डा. शिवेश आचार्य, आंख डा. एसपी, मेडिसिन डा. प्रमोद, नाक कान गला डा. अनन्या सोनी, बायोकेमेस्ट्री डा. अंकित गुप्ता ने अपने-अपने विभाग की जिम्मेदारी संभाल ली है। तीन जूनियर डाक्टर श्रुति सिंह, डा. राहुल, डा. सुभाष के सहयोग से ओपीडी शुरू कर दी जाएगी। ओपीडी में एक्सरे मशीन, माइक्रोस्कोपी, आंख मशीन, अल्ट्रासाउंड, डेंटल चेयर, लैब मशीन का कार्य पूरा कर लिया गया है।
स्टाफ बढ़ाने की चल रही प्रक्रिया :
ओपीडी के लिए यहां 35 लोगो का मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। अधीक्षक डॉ. अशोक के मुताबिक, ओपीडी के पहले दिन के ट्रायल के आधर पर ही चंडीगढ़ पीजीआई से जरूरत के हिसाब से और स्टाफ तैनात कर दिया जाएगा। इसमें एक से दो दर्जन तक मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ सकती है।
पांच साल पहले बनी थी एम्स रायबरेली की ओपीडी
सोमवार से जिस भवन में एम्स-रायबरेली की ओपीडी शुरू होने जा रही है, वह भवन वर्ष '13 की फरवरी में ही बनकर तैयार हो गया था।
एम्स की ओपीडी शुरू करने का प्लान फरवरी'14 में तय हो गया था। इसके उद्घाटन की डेट भी तय हो गई। सांसद सोनिया गांधी को जिस दिन ओपीडी का फीता काटना था, उसी दिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने वाली थी। दो घंटे बचे थे। रायबरेली में होने के बावजूद सोनिया गांधी आचार संहिता को देखते हुए अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद एम्स की ओपीडी ठंडे बस्ते में चली गई।
97 एकड़ भूमि अधिग्रहीत हुई है एम्स के लिए :
एम्स-रायबरेली के लिए शहर से पांच किलोमीटर दूर मुंशीगंज में 97 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई है। 50 एकड़ भूमि अभी भी अधिग्रहीत की जानी बाकी है। यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में वर्ष '2007 में एम्स रायबरेली स्वीकृत हुआ था लेकिन जमीन मिलने में ही पांच साल बीत गए। वर्ष '2012 में जमीन अधिग्रहीत हो पाई। वर्ष '2013 में एम्स-रायबरेली का शिलान्यास सोनिया गांधी ने किया था।
164 करोड़ रुपए हो चुके हैं खर्च :
प्रारंभ में इसके लिए 926 करोड़ रुपए सरकार ने मंजूर किए। पहली किश्त के रूप में 164 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए। इस धनराशि से एम्स के स्टाफ के लिए हाउसिंग कॉलोनी और ओपीडी भवन तैयार करने में खर्च हो चुके हैं। यूपीए-टू के कार्यकाल के आखिरी वक्त में केंद्र सरकार ने एम्स-रायबरेली के लिए 1650 करोड़ रुपए का प्रस्ताव अप्रूवल के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा। वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के पहले ही कांग्रेस सरकार केंद्र से चली गई। सांसद सोनिया गांधी के निजी सचिव धीरज श्रीवास्तव के मुताबिक, एनडीए सरकार ने यह कहते हुए एम्स का बजट घटाकर 850 करोड़ रुपए कर दिया कि सभी एम्स के निर्माण का बजट इतना ही है।
एम्स-रायबरेली
-97 एकड़ जमीन अभी तक की जा चुकी है अधिग्रहीत
-50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण अभी भी बाकी
-164 करोड़ से डेवलप हो चुकी है हाउसिंग कॉलोनी और ओपीडी भवन
- कुल 850 करोड़ रपए होने हैं एम्स-रायबरेली पर खर्च
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।