वैक्सीनेशन पैकेज--2--पहली वैक्सीन वालों की बातचीत:केजीएमयू, मोहनलालगंज सीएचसी और एरा
लखनऊ। हिन्दुस्तान टीम न भय। न चिंता। अफवाहों को दरकिनार कर हेल्थ वर्कर ने...
लखनऊ। हिन्दुस्तान टीम
न भय। न चिंता। अफवाहों को दरकिनार कर हेल्थ वर्कर ने हंसी-खुशी कोरोना से बचाव का टीका लगवाया। टीकाकरण के बाद हेल्थ वर्कर ने वायरस को भगाने का संकल्प लिया। बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर अस्पतालों में तय समय से पहले ही वेटिंग एरिया में पहुंच गए। अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। जब टीका लगा तो चेहरे पर मुस्कान लेकर बाहर आए। साथियों ने तालियां बजाकर हौसला अफजाई की।
राजधानी के 12 अस्पतालों से टीकाकरण के महाभियान का शुभांभ हुआ। सबसे पहले कोरोना योद्धाओं को टीके लगाए गए। 40 साल से अधिक उम्र के हेल्थ वर्कर का वैक्सीन के लॉचिंग मौके पर चयन किया गया। अस्पतालों में पहला टीका लगवाने वालों की होड़ मची रही है। कहीं डॉक्टर तो कहीं सफाई कर्मचारी से अभियान का आगाज हुआ। केजीएमयू में कर्मचारी संवर्ग में लिपिक अमर बहादुर को पहला टीका लगाया गया। डॉक्टर संवर्ग में रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत से शुरुआत हुई। हेल्थ वर्कर ने टीका लगवाने के बाद हाथ उठाकर जीत का अभिवादन किया।
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जानकीपुरम में रहता हूं। मुझे केजीएमयू में सबसे पहले टीका लगने की सूचना मिली। मैं खुशी से झूम उठा। ब्लड प्रेशर और सुगर की समस्या है। कोविड हेल्प डेस्क पर ड्यूटी कर चुका हूं। पुरानी बीमारी से पीड़ितों को वायरस का खतरा बहुत है। वैक्सीन लगने से खतरे से निपटने में काफी मदद मिलेगी। एहतियात के साथ वैक्सीन की सुरक्षा मिलने से काफी खुशी है। मेरा बेटा नेवी और बेटी पढ़ाई कर रही है।
अमर बहादुर, लिपिक, केजीएमयू
कोरोना काल में हेल्थ वर्कर ने लगन से मरीजों की सेवा की। कोरोना योद्धाओं का सरकार ने कभी थाली बजाकर तो कभी हवाई जहाज से फूलों की वर्षा कर सम्मान किया। सबसे पहले हेल्थ वर्कर को टीकाकरण का तोहफा दिया है। इससे हेल्थ वर्कर की हौसला अफजाई हुई। डॉक्टरों की श्रेणी में सबसे पहले टीका लगवाने का मौका मिला। इसको लेकर बहुत प्रसन्नता है।
डॉ. सूर्यकांत, रेस्पीरेटरी मेडिसिन, विभागाध्यक्ष, केजीएमयू
रजिस्ट्रार ऑफिस में तैनात हूं। वर्ष 2012 से ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की चपेट में हूं। हम लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक है। शुक्रवार रात वैक्सीन लगने का संदेशा आया। जिसे देखकर मुझे व मेरे परिवार को खासी खुशी मिली। टीका लगवाने के बाद आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है।
डॉ. अनिल अवस्थी, केजीएमयू
सीएचसी में पहले टीका लगवाने वाले
मुझे पहला टीका लगा। इसका मुझे गर्व है। अब वायरस से लड़ाई हम और मजबूती से लड़ सकते हैं। पहला टीका लगवाने के साथ उन्होंने अन्य लोगो को संदेश दिया कि लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें।
डॉ. अनिल कुमार, सीएचसी, मोहनलालगंज
सीएचसी में दूसरा टीका लगवाने का मौका मिला है। यह मेरे लिए फर्क की बात है। खुशी है कि पहले ही राउंड में टीका लग गया। अब 28 दिन बाद दूसरी डोज लगनी है। अच्छा महसूस कर रही है। टीका लगने के बाद किसी भी तरह की परेशानी नहीं है।
डॉ. ज्योति कामले, अधीक्षिका सीएचसी, मोहनलालगंज
एरा में पहली वैक्सीन लगवाने वाले
वैक्सीन से भला क्या घबराना? यह तो वैज्ञानिकों ने तैयार की है। हम सभी का मकसद वायरस को भगाने का होना चाहिए। डर और चिंता से वायरस को खात्मा मुमकिन नहीं है। कॉलेज में पहला वैक्सीन मुझे लगा। इसका मुझे फक्र और खुशी है। टीका लगवाने के बाद मुझे किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुई।
अब्दुल कयूम, एरा मेडिकल कॉलेज
कोरोना वैक्सीन लगावाने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे सुरक्षा कवच मिल गया है। इस महामारी का अंत वैक्सीन से ही मुमकिन है। वैक्सीन का काफी समय से इंतजार था। अभियान के प्रथम चरण का हिस्सा बनी यह मेरी खुशनसीबी है। लोगों को अफवाहों और भ्रम से बाहर आकर वैक्सीनेशन कार्यक्रम हिस्सा बनना चाहिए।
डॉ. हना खान, एरा मेडिकल कॉलेज
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