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असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र देकर एक करोड़ वसूले, तीन गिरफ्तार

Lucknow News - आरोपितों में गोण्डा का सहायक प्रोफेसर, इसका भाई अनुदेशक और आयोग का संविदा कर्मचारी एसटीएफ

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 20 April 2025 06:55 PM
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असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र देकर एक करोड़ वसूले, तीन गिरफ्तार

-आरोपितों में गोण्डा का सहायक प्रोफेसर, इसका भाई अनुदेशक और आयोग का संविदा कर्मचारी -एसटीएफ ने की कार्रवाई, 16 व 17 अप्रैल को हुई थी परीक्षा

-पकड़े गए तीनों आरोपी अयोध्या के रहने वाले

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता

एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग कर असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र बनाकर अभ्यर्थियों से एक करोड़ की रकम हड़पने वाले दो भाइयों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इन आरोपितों में गोण्डा के लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज के राजनीतिक शास्त्र का सहायक प्रोफेसर वैजनाथ पाल, अनुदेशक विनय कुमार पाल और आयोग के संविदा कर्मचारी महबूब अली हैं। तीनों आरोपित अयोध्या के रहने वाले हैं। इनके पास 12 लाख रुपये, एडमिट कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन लोगों ने एक दर्जन से अधिक लोगों से वसूली कर रखी थी।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह के मुताबिक पकड़े गए आरोपितों में अयोध्या के राघवपुर निवासी बैजनाथ पाल और विनय कुमार पाल सगे भाई हैं। महबूब अली अयोध्या के मोतनीनगर पूरा कलंदर का रहने वाला है। एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि शिक्षा माफिया उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर ही एसटीएफ ने इस मामले में जांच शुरू कर दी थी।

फर्जी पर्चा होने का खुलासा होने पर हुआ झगड़ा, खुली पोल

एसटीएफ के मुताबिक, गोण्डा के एलबीएस डिग्री कालेज में राजनीति शास्त्र के सहायक प्रोफेसर बैजनाथ पाल ने कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा का पर्चा लीक करने का झांसा देकर जाल में फंसाया था। उसे आयोग के सविंदा कर्मचारी महबूब अली ने फर्जी प्रश्न पत्र दे दिया था। उसने कपिल, सुनील और अन्य को प्राणि विज्ञान का पेपर देने के नाम पर 35 लाख रुपये प्रति व्यक्ति मांगे थे। एडवांस के तौर पर 12 लाख रुपये ले लिए। परीक्षा होने के बाद इन दोनों ने अपने दिए रुपये यह कहकर लौटाने को कहा कि वैजनाथ के दिए पर्चे में से अधिकतर सवाल मूल पर्चे में नहीं थे। वैजनाथ ने कहा कि सारे सवाल उसके दिए पर्चे से ही आएंगे। इन दोनों ने बताया कि बैजनाथ के भाई विनय पाल ने उन लोगों को यह पेपर पढ़वाया था। फिर पेपर लेकर जला दिया था ताकि कोई सुबूत न बचे। इन रुपयों को लौटाने को लेकर वैजनाथ से विवाद हो गया। इस विवाद ही भनक भी एसटीएफ को लग गई थी। इससे ही इन लोगों की पोल खुल गई थी।

इस तरह हुआ था बंटावारा

बरामद रुपयों के बारे में एसटीएफ को बताया गया कि 10 लाख रुपये बैजनाथ के हिस्से में आए जबकि एक लाख रुपये महबूब अली और एक लाख रुपये विनय को मिले। कपिल व सुनील से ये रुपये रायबरेली में विनय पाल ने लिए थे। एसटीएफ ने बताया कि तीनों आरोपितों को विभूतिखंड में वेवमाल के पास पकड़ा गया है। इनके खिलाफ विभूतिखंड कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। एसटीएफ यह पता कर रही है कि आयोग में कोई और तो इनके साथ शामिल नहीं रहा है।

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