विंध्याचल में मां विन्ध्यवासिनी की पैड़ी का होगा पर्यटन विकास
Lucknow News - उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विंध्याचल में मां की पैड़ी का विकास किया जाएगा। इसके लिए लगभग 48.77 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। घाट, शौचालय, पाथवे, और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया...
-पर्यटन मंत्री बोले धार्मिक-आध्यात्मिक और प्राकृतिक स्थलों का हो रहा विकास लखनऊ, विशेष संवाददाता।
पर्यटन विभाग विंध्याचल में मां की पैड़ी का पर्यटन विकास करेगा। घाट सहित अन्य कार्यों के लिए लगभग 48.77 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जिसमें 14 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु विशिष्ट अनुभव लेकर लौटें। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग विंध्याचल का पर्यटन विकास प्राथमिकता के आधार पर कर रहा है। लगभग 48.77 करोड़ रुपए से घाट का विकास, 03 चेंजिंग रूम, 07 छतरी, पाथवे, शौचालय, रिटेनिंग वॉल, प्रवेश द्वार, फ्लोटिंग बोट जेटी सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे।
जयवीर सिंह ने बताया कि यह स्थल शुम्भ निशुम्भ नामक दैत्यों का वध करने वाली मां विंध्यवासिनी देवी के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर की मार्कण्डेय पुराण, देवी भागवत पुराण के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में विशिष्ट महत्ता बताई गई है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। नवरात्रि के अलावा विभिन्न मुहूर्त और बच्चों के मुंडन आदि के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य है। अभी हम घरेलू पर्यटन में देश में पहले स्थान पर हैं। विदेश से आने वाले पर्यटकों के आगमन में भी यह उपलब्धि हासिल करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राकृतिक सहित अन्य स्थलों का विकास किया जा रहा है।
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