सरकार ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में 20 हजार युवाओं को देगी रोजगार
- यूपी में 17 फर्मों ने 1.15 लाख करोड़ के निवेश का दिया प्रस्ताव
- लखनऊ- विशेष संवाददाता
राज्य सरकार औद्योगिक उत्सर्जन को कम करने के लिए रसायन व उर्वरक और रिफाइनरी क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश ग्रीन हाइड्रोजन नीति- 2024 के तहत प्रदेश में 17 फर्मों ने 1.15 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे एक अनुमान के मुताबिक 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) के निदेशक अनुपम शुक्ला के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन एक बेहतर वैकल्पिक ईंधन है। ग्रीन हाइड्रोजन, अमोनिया का उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा या संचित नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर जल के इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया से किया जाता है। यह ईंधन स्थायी विकल्प के रूप में काम करेगा और वर्ष 2070 तक भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य की ओर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रदेश ने वर्ष 2029 तक ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया की प्रति वर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 17 कंपनियों से निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रमुख कंपनियों में से यूनाइटेड किंगडम स्थित ट्राफलगर स्क्वायर कैपिटल ने लखनऊ के समीप 10000 टन प्रति वर्ष ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की सुविधा स्थापित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इसके अतिरिक्त, भारतीय वस्त्र उद्योग में अग्रणी वेलस्पन ग्रुप बुलंदशहर में ग्रीन हाइड्रोजन ग्रीन अमोनिया संयंत्र में 40000 करोड़ का निवेश करने की योजना बना रहा है। एक अन्य भारतीय कंपनी हाइजेनको ग्रीन एनर्जीज़ प्राइवेट लिमिटेड प्रयागराज में 16000 करोड़ के निवेश से 0.2 मिलियन टन की ग्रीन हाइड्रोजन सुविधा स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है।
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