Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊUttar Pradesh Fisheries Minister Launches Online Portal for Fishermen Cooperatives Registration

नई मत्स्यजीवी सहकारी समितियों के गठन के लिए पोर्टल शुरू

उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय निषाद ने प्राथमिक मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के निबंधन के लिए विभागीय पोर्टल का उद्घाटन किया। इससे 1135 समितियों का गठन हुआ है और 16000 मछुआ समुदाय के...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 22 Sep 2024 08:12 PM
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लखनऊ, विशेष संवाददाता प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय निषाद ने रविवार को प्राथमिक मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के निबंधन के लिए बनाए गए विभागीय पोर्टल (www.fisheries.up.gov.in) का उद्घाटन किया। डॉ. निषाद ने कहा कि पोर्टल के जरिए ऑनलाइन प्रक्रिया से समितियों का गठन होने से पारदर्शिता आएगी और मछुआ समुदाय को स्व-रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 1135 समितियां गठित हैं। अब अभियान चलाकर नदी जलधारा पर 565 समितियां गठित कराई जाएंगी, जिससे लगभग 16000 मछुआ समुदाय के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रत्येक न्याय पंचायत में समिति का गठन किया जाएगा। पोर्टल पर मुख्य प्रवर्तक को आवेदन के लिए पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के बाद प्रस्तावित समिति के गठन के लिए क्रमशः तीन बैठकों का विवरण संलग्न करना होगा। समिति गठन के लिए न्यूनतम 27 सदस्य होना अनिवार्य है। अधिकतम कितने भी सदस्य समिति के सदस्य बन सकते हैं। इन 27 सदस्यों में से तीन सदस्य अनुसूचित जाति के एवं छह महिलाओं का होना अनिवार्य है। समिति की साधारण सदस्यता केवल ऐसे व्यक्तियों के लिए खुली होगी, जिसका चरित्र अच्छा, मस्तिष्क स्वस्थ और आयु 18 साल से अधिक हो।

इसके साथ ही वह समिति के कार्यक्षेत्र में रहता हो और मछली पकड़ने व पालने का कार्य सक्रिय ढंग से करता हो। इसके अलावा सभी सदस्यों का अपना आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर भरना भी अनिवार्य होगा। एक परिवार से एक ही व्यक्ति समिति का सदस्य हो सकता है। सचिव की आयु 20 साल से अधिक होनी चाहिए और उसकी न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट होनी चाहिए। एक व्यक्ति मत्स्य विभाग द्वारा गठित समितियों में से किसी एक ही समिति का सदस्य हो सकता है। डॉ. निषाद ने बताया कि निषाद राज बोट सब्सिडी योजना के तहत मछुआ समुदाय के व्यक्तिगत लाभार्थियों के साथ-साथ मत्स्य जीवी सहकारी समितियां तथा उनके सदस्य भी अब लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। इसी तरह अन्य योजनाओं का लाभ भी समितियों को दिया जाएगा।

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