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डिफेंस कारिडोर में पर्यावरण की निगरानी के लिए होगा सर्वे

यूपी के डिफेंस कारीडोर चित्रकूट और झांसी में प्रदूषण की जांच के लिए विश्वस्तरीय कंपनियों को नियुक्त किया जाएगा। ये कंपनियाँ वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण का स्तर मानकों के अनुसार जांचेंगी। हर महीने...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 7 Oct 2024 07:26 PM
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-वायू, जल ध्वनि व मृदा प्रदूषण की जांच कराई जाएगी -इसके लिए विश्वस्तरीय प्रदूषण जांच कंपनियों को लगाया जाएगा

-सबसे पहले चित्रकूट व झांसी कारीडोर में होगा यह काम

लखनऊ। विशेष संवाददाता

यूपी के डिफेंस कारीडोर चित्रकूट व झांसी में प्रदूषण की स्थिति की निगरानी कराई जाएगी। इसके लिए विश्वस्तरीय प्रदूषण जांच कंपनियों को लगाया जाएगा। इनके जरिए मानकों के अनुरूप में वायु, जल, ध्वनि व मृदा में प्रदूषण का स्तर देखा जाएगा। यह काम नियमित रूप से कराया जाएगा। हर महीने पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट यूपीडा को भेजी जाएगी।

यूपीडा ने इन कंपनियों के चयन का काम शुरू कर दिया है। पर्यावरण निगरानी के लिए चयनित होने वाली कंपनियों को विभिन्न स्तरों पर मानकों के अनुरूप प्रदूषण की जांच करनी होगी। यह काम पहले चित्रकूट व झांसी डिफेंस कारिडोर में होगा। इसके बाद दूसरे अन्य कारिडोर में इसी तरह का काम कराया जाएगा। वायू प्रदूषण हर तीन महीने में चार लोकेशन पर देखी जाएगी। इसमें PM10, PM2.5, SO2, NOx की मात्रा देखी जाएगी। दिन व रात में ध्वनि प्रदूषण का स्तर हर तीन माह में मापा जाएगा।

साल में दो बार भूगर्भ जल की गुणवत्ता स्थिति देखी जाएगी। इसमें क्रोमियम, फ्लोराइड, कैल्शयिम, आयरन, सोडियम आदि की मात्रा देखी जाएगी। जल परीक्षण मानसून से पहले व उसके बाद कराया जाएगा। यह सारे काम नेशनल एक्रीडियशन बोर्ड फार टेस्टिंग, कैलिब्रिएश लैबोरिटीज (एनएबीएल) के मानकों के अनुरूप करने होंगे। कंपनियों की लैब को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य है। यूपीडा यह काम इंडिस्ट्रयल कारिडोर में पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित कराने के लिए करा है। इन डिफेंस कारिडोर में रक्षा कंपनियां अपने रक्षा परियोजनाएं लगाने जा रही हैं। यहां जमीन अधिग्रहण का काम भी तेजी से चल रहा है। ऐसे में यहां सभी तरह के व सभी स्तर पर प्रदूषण की जांच जरूरी है ताकि परियोजनाओं को लगाने में किसी तरह का कोई नुकसान न हो।

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