यूपी में पहले योग्यता पर नहीं पहुंच और पैसे से मिलती थी नौकरी: मुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री ने 1950 नवचयनित युवाओं को दिया नियुक्ति पत्र लखनऊ- विशेष संवाददाता
- मुख्यमंत्री ने 1950 नवचयनित युवाओं को दिया नियुक्ति पत्र लखनऊ- विशेष संवाददाता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में योग्यता पर नहीं पहुंच और पैसे से नौकरियां मिलती थीं। सक्षम व समर्थ होने के बावजूद युवाओं का चयन सिर्फ इसलिए नहीं हुआ होगा कि उनकी पहुंच और अभिभावक के पास इतना पैसा नहीं था। योग्यता के बाद भी उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता था, लेकिन पिछले साढ़े सात सालों में चयन प्रक्रिया में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ। हमारी सरकार में सरकारी, निजी क्षेत्र और संविदा के आधार पर नियुक्तियां ईमानदारी से हुईं।
मुख्यमंत्री गुरुवार लोकभवन में युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर उपहार दिया। कुल 1950 नवचयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया। इसमें 1526 ग्राम पंचायत अधिकारी, 360 ग्राम विकास अधिकारी (समाज कल्याण), 64 समाज समाज कल्याण पर्यवेक्षक हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जितनी निष्पक्षता व पारदर्शिता से नियुक्ति मिली है, पूरा कार्यकाल इसी निष्पक्षता व पारदर्शी तरीके से बढ़ता जाएगा तो यूपी नंबर एक की अर्थव्यवस्था और 2047 में विकसित व आत्मनिर्भर भारत बनेगा।
सात लाख सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े सात साल में सात लाख सरकारी नौकरियां दी गई हैं। प्रदेश के अंदर सुरक्षा का बेहतर माहौल से निजी क्षेत्र में भी लाखों नौजवानों के लिए नौकरी की संभावना बढ़ाई गईं। हमारी सरकार ने प्रदेश के अंदर समग्र विकास के लिए जो रूपरेखा तैयार की थी। उसमें भर्ती प्रक्रिया भी पारदर्शी तरीके से हो यह प्रमुखता पर था। अच्छे, सक्षम व योग्य अभ्यर्थियों का चयन न होने से योजनाएं धरातल पर उतारने का तंत्र पैरालाइज हो जाएगा। ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए 2017 में ही तय किया गया कि जितने भी आयोग व बोर्ड हैं, वह निष्पक्षता व पारदर्शी तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया संपन्न करें।
गांवों की समस्याओं का समाधान वहीं पर
उन्होंने कहा कि पहले ग्राम पंचायतों के पास अपना भवन नहीं था। ग्राम प्रधान घर से काम करता था। यूपी में 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगभग बन चुके हैं। इनमें ऑप्टिकल फाइबर, इंटरनेट, वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। ग्राम पंचायत सहायक के रूप में कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त किया जा चुका है।
गांवों को बनाएं आत्मनिर्भर व स्मार्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 17 सिटी स्मार्ट बन रहे हैं। क्या ग्राम पंचायतें भी स्मार्ट हो सकती हैं। इसके लिए अनेक कार्य हो सकते हैं। ग्राम पंचायत में जनसहभागिता से साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था हो। केंद्र सरकार के स्तर पर जब कोई प्रतियोगिता होगी तो यूपी की ग्राम पंचायतें अग्रणी भूमिका के साथ दिखनी चाहिए। इसमें हमारी ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कार प्राप्त होना चाहिए।
आय का माध्यम बनाएं
उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालय के पास अतिरिक्त आय के भी माध्यम बन सकते हैं। वहां कम्युनिटी सेंटर बन सकता है, गांव के सार्वजनिक कार्यक्रम हो सकते हैं। यूजर चार्ज के आधार पर ग्रामीणों को सुविधा दी जाए। इससे गांव के पास भवन भी होगा। सरकार के पास पैसा नहीं आएगा तो 12-14 लाख कर्मचारियों का वेतन पेंशन, भत्ता व विकास कार्य कैसे होंगे। सरकार का पैसा सरकार, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत के खाते में जाना चाहिए।
थारू समुदाय का युवक पा रहा नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लखीमपुर खीरी के जनजाति समुदाय (थारू) के नौजवान ने भी नियुक्ति पत्र प्राप्त किया है। बड़ी संख्या में बेटियों की उपस्थिति महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम को दिखाता है। कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) नरेंद्र भूषण, प्रमुख सचिव (समाज कल्याण) डा. हरिओम, प्रमुख सचिव (नियुक्ति व कार्मिक) एम देवराज, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रभारी अध्यक्ष ओएन सिंह आदि मौजूद रहे।
सीएम योगी के हाथों मिला नियुक्ति पत्र
ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर चयनित अवनीश तिवारी को बाराबंकी में नियुक्ति मिली है। आमिर अली सिद्दीकी को हरदोई, रूबी मिश्रा को महोबा, नीतेश सिंह को गोरखपुर, अखिलेश सिद्धार्थ को अयोध्या, निधि को गोरखपुर, अरविंद सिंह राणा को अमेठी, दिनेश कुमार मौर्य को वाराणसी में नियुक्ति मिली है। ग्राम विकास अधिकारी पद पर दिव्या को कन्नौज, गोरखपुर में कन्हैया लाल गौतम, सुल्तानपुर में प्राची पाठक नियुक्त की गई हैं। इन सभी नवचयनितों को मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
निष्पक्षता से मिली नौकरी अब पारदर्शिता से करेंगे जनकल्याण
- सिर्फ पात्रता के आधार पर सरकारी नौकरी दे रही योगी सरकार
लखनऊ- विशेष संवाददाता
मुख्यमंत्री योगी आादित्यनाथ के हाथों से गुरुवार को नियुक्ति पाकर युवा गदगद हैं। अपने घर के ‘दीपक को नौकरीरूपी ‘समृद्धि मिलने से प्रफुल्लित अभिभावकों ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। वहीं युवाओं ने भी विश्वास दिलाया कि निष्पक्षता से नौकरी मिली है, तो पारदर्शिता से जनकल्याण का काम भी करेंगे।
दीपावली के अवसर पर नियुक्ति किसी उपहार से कम नहीं
गोंडा के रवि कुमार वर्मा कहते हैं कि ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर चयनित होकर खुश हैं। रिक्त पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति कराकर मुख्यमंत्री ने युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए काफी नेक काम किया है। हमें दीपावली पर रोजगार व बोनस एक साथ मिला है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार।
भेदभाव नहीं हो सकता
प्रयागराज के राधेश्याम सिंह को अमेठी में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली है। पूरी परीक्षा बहुत ही निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराई गई। नियुक्ति के दौरान भी किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हुआ। कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने सभी को अवसर प्रदान किया। बिना भेदभाव आज हम सभी सरकारी नौकरी पा कर बहुत खुश हैं।
योगीराज में सिर्फ पात्रता ही चयन का आधार
अयोध्या की कोमल गुप्ता ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर चयनित हुई हैं। इस भर्ती प्रक्रिया से बेहद खुश हैं। इस प्रक्रिया में किसी को कोई शुल्क भी नहीं देना पड़ा। चयन की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होने से युवाओं का मनोबल बढ़ा है। मुख्यमंत्री का शुक्रिया, जो उन्होंने उत्तर प्रदेश में नौकरियों की बहार लाई और सिर्फ पात्रता ही चयन का आधार बनाया।
चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार
सुल्तानपुर के पंकज कन्नौजिया को ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति मिली है। नियुक्ति में सरल एवं पारदर्शी प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री का आभार। परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने से लेकर नियुक्ति पत्र मिलने तक न कोई परेशानी हुई और न ही किसी बाधा का शिकार होना पड़ा। योगी आदित्यनाथ की सख्त नीति से युवाओं को नौकरी व रोजगार मुहैया कराया जा रहा है।
गृह जिले में चयन से काफी खुशी
अमेठी के संदीप कुमार गुप्ता ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर अपने गृह जिले में ही चयन हुआ है। 2018 की यह भर्ती परीक्षा से लेकर नियुक्ति तक पारदर्शी ढंग से सारे कार्य हुए। कोई जुगाड़ शुल्क भी नहीं लगा। हमारा डॉक्यूमेंटेशन भी एकदम सरल तरीके से हुआ है। अपने कार्यों व दायित्व का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करूंगा। पूरी पारदर्शी प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री का बहुत बहुत आभार।
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