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बोले लखनऊः आदर्श नगर की सड़क से बाइक तो छोड़िए, पैदल भी निकलना मुश्किल

Lucknow News - हरदोई रोड किनारे आदर्श नगर में 1.5 किलोमीटर कच्चा और ऊबड़-खाबड़ रास्ता है। सड़क न होने से एम्बुलेंस और स्कूल वैन नहीं आ पाती हैं, जिससे लोगों को समस्याएं होती हैं। स्थानीय लोग कई बार अधिकारियों से...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 23 Feb 2025 06:52 PM
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बोले लखनऊः आदर्श नगर की सड़क से बाइक तो छोड़िए, पैदल भी निकलना मुश्किल

हरदोई रोड किनारे कन्हैया माधवपुर द्वितीय वार्ड में आदर्श नगर है, लेकिन यहां करीब 1.5 किलोमीटर कच्चा रास्ता है, जो पूरी तरह से ऊबड़-खाबड़ है। इधर से कार-बाइक छोड़िए, पैदल चलना मुश्किल है। सड़क न होने से एम्बुलेंस और स्कूली वैन नहीं आ पाती है। इससे मरीजों और स्कूली बच्चों को काफी दिक्कत होती है। वहीं, कई बार ई-रिक्शा तक पटल चुके हैं। इससे चालक और सवारियां चोटिल हो चुकी है। वहीं बारिश के दौरान जलनिकासी न होने पर पूरा मोहल्ला टापू बन जाता है। इससे 25 हजार आबादी को घर से निकलना मुश्किल होता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक डेढ़ किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए पार्षद से कई बार कहा गया, क्षेत्रीय विधायक और नगर निगम अधिकारियों से भी मिले, लेकिन सिवाएं आश्वासन के कुछ नहीं मिला।

बरौरा हुसैनबाड़ी आदर्श नगर के बरदानी मंदिर से न्यू हैदरगंज पुलिया की 1.50 किलोमीटर लंबा मार्ग उबड़-खाबड़ है। पूरी सड़क कच्ची है, जो कभी बनी नहीं है। हालांकि नगर निगम ने सीवर लाइन बिछा दी, जिसके चैम्बर जगह-जगह दिखाई देते हैं, लेकिन सड़क और नाली निर्माण न होने से बारिश छोड़िए, सामान्य दिनों में भी पूरे इलाके में जलभराव रहता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां समस्याओं का इतना बड़ा मकड़जाल बना हुआ है कि मिश्रित आबादी से जुड़े सैकड़ों परिवारों को नारकीय जीवन जीने को मजबूर होना पड़ा रहा है। निकासी से जुड़े नाले में कूड़ा करकट और गंदगी की इस कदर भरमार हो रही है कि जरा सी बारिश होते ही नाला ओवरफ्लो हो जाता है, जिससे उसमें भरी गंदगी बाहर निकलकर आबादी के बीच सड़कों पर फैल जाती है। जलभराव होने से मच्छर, मक्खियों का प्रकोप बढ़ने पर संक्रामक बीमारी भी पांव पसारने लगी है।

सड़क न होने से एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाती

मोहल्ले में अगर कोई बीमार हो जाए तो खस्ताहाल सड़क के कारण एम्बुलेंस तक नहीं आ पाती है। मजबूरी में लोगों को बाइक के सहारे ले जाना पड़ता है। स्थानीय निवासी डा. शहाब अहमद ने बताया कि समय पर एम्बुलेंस न मिलने पर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, जिससे दुर्भाग्यवश कई लोगों की मौत हो जाती है। वहीं आगजनी के वक्त फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी नहीं पहुंच पाती है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों से वह सड़क निर्माण को लेकर नगर निगम अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।

ई-रिक्शा तक पलट चुके हैं, स्कूली वैन तक नहीं आती

उबड़-खाबड़ सड़क के कारण कई बार ई-रिक्शा पलट चुके हैं। इससे कई सवारियां चोटिल हो चुकी है। स्थानीय निवासी शिवराम सिंह, नानक चंद, मुनव्वर, नितिन कुमार, जगन्नाथ अवस्थी, कृष्ण कुमार ने बताया कि शाम छह बजे के बाद यहां ई-रिक्शा तक नहीं आते। वहीं स्कूली वैन तक नहीं आती। मजबूरी में बच्चों को बाइक से स्कूल छोड़ने जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में तो जलभराव होने पर गोद में बिठाकर स्कूल ले जाते हैं। क्योंकि सड़क पर गड्डों का पता नहीं चल पाता है।

खाली पड़ी जमीन बन गया गंदगी का पार्क

आदर्शनगर मोहल्ले में सड़क की बड़ी समस्या है ही, लेकिन अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं भी चौपट हैं। यहां कोई स्वच्छ-सुंदर पार्क तो देखने को नहीं मिला, लेकिन खाली पड़ी जमीन पर गंदगी का पार्क जरूर दिख गया। मोहल्ले के बीच कई हजार स्क्वायर फीट का ग्राउंड पड़ा है। कुछ लोग इसे अंतेष्टि स्थल की जमीन बता रहे थे, तो कुछ लोग नजूल की जमीन कह रहे थे। खाली पड़ी इस जमीन पर कूड़ा जमा है। घरों का गंदा पानी भी भरा है। यहां बेसहारा मवेशी बैठते हैं। गंदे पानी की वजह से दुर्गंध आती है। पड़ोस में बच्चों के लिए झूला लगा है। झूले के नीचे भी पानी भरा है। कुछ बच्चें कूदने वाले झूले पर खेल रहे थे। ऐसी स्थित में मोहल्ले के लोगों को जीना दूभर हो रहा है। गंदगी की वजह से बीमारियों का भी खतरा है। स्थानीय लोगों का दावा है कि सफाई के नाम पर यहां सिर्फ औपचारिकताएं निभाई जाती हैं।

अंजान लोगों की जान का खतरा

मोहल्ले की मुख्य सड़क के हालात ऐसे हैं कि स्थानीय लोग तो किसी तरह बच-बचाकर गुजर जाते हैं, लेकिन कोई अंजान व्यक्ति यदि वहां पहुंच जाए तो उसके लिए जान का भी जोखिम हो सकता है। कच्चे मार्ग के बीच में नाले का निर्माण हो गया है। रास्ता नहीं बनने से लोग इसी नाले के ऊपर से गुजरते हैं। नाले की सफाई के लिए बीच-बीच में होल बनाए गए हैं। उन पर सीमेंट के पत्थर डाले गए हैं। यह पटरे टूट गए हैं और गहरा नाला कई जगह खुल गया है। ऐसे में स्थानीय लोग किसी तरह निकल जाते हैं, लेकिन किसी अंजान व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं। मवेशी भी इनमें फंस चुके हैं।

कूड़े के ढेर से पटा नाला, सड़क पर बह रहा गंदा पानी

न्यू हैदरगंज से बरौरा हुसैनबाड़ी की तरफ एक नाला जा रहा है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही के कारण नाला कूड़े में तब्दील हो चुका है। स्थानीय निवासी अब्दुल सलीम, सरोज ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से नाले की सफाई नहीं हुई। इससे गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। साथ ही गलियों में इंटरलॉकिंग टाइल्स टूट चुकी है। इससे लोगों को काफी दिक्कत होती है। लगातार शिकायतों के बाद भी नगर निगम कोई सुध लेने को तैयार नहीं है।

बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार

आदर्श नगर में बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार गुजर रहे हैं। स्थानीय निवासी पुष्पेन्द्र सिंह, बृजेश कुमार ने बताया कि आरडीएसएस योजना के तहत आसपास की कॉलोनी में जर्जर बिजली के पोल व तार बदले जा रहे हैं, लेकिन यहां आज तक कोई काम नहीं हुआ। लोहे के जर्जर खंभे झुक चुके हैं। लटकते-झूलते तारों के कारण शॉर्ट सर्किट से आये दिन विद्युत दुर्घटनाएं होती है। अपट्रॉन उपकेंद्र में कई बार जूनियर इंजीनियर-एसडीओ से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

इंफो- आदर्श नगर

आबादी- 25 हजार

वार्ड- कन्हैया माधवपुर द्वितीय

वार्ड संख्या- 38

शिकायत

- नाले पर रखे अधिकांश पत्थर टूट चुके हैं

- बरदानी मंदिर से न्यू हैदरगंज तक सड़क उबड़-खाबड़

- नालियों का निर्माण न होने से जलभराव रहता है

- साफ-सफाई की नियमित व्यवस्था नहीं है

- क्षेत्र में अधिकांश जगह पर कूड़े का ढेर

- बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार घरों में जा रहे

- मुख्य नाला में कूड़े का अंबार

प्रमुख सुझाव

- सड़क एवं नाली निर्माण किया जाए

- साफ-सफाई की नियमित व्यवस्था की जाए

- मुख्य नाले को साफ किया जाए

- बांस-बल्लियों को हटाकर बिजली के पोल लगाएं जाए

- नाले पर क्षतिग्रस्त पत्थर को हटाकर दूसरे पत्थर रखे जाए

- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाए

पार्षद बोले

मेरे ही आर्ड में आदर्श नगर आता है। यहां बरदानी मंदिर से न्यू हैदरगंज पुलिया की 1.50 किलोमीटर सड़क के नाम पर कुछ नहीं है। मैंने 75 लाख का प्रस्ताव भेजा था। मेयर ने रिजेक्ट कर दिया। मैंने इसे कई बार सदन में भी उठाया लेकिन बजट नहीं मिला। सड़क ही नहीं। सफाई भी नहीं होती और जलभराव भी बना हुआ है।

मो. शाकिर

पार्षद, कन्हैया माधवपुर वार्ड द्वितीय

मोहल्ले की सड़क अभी तक नहीं बनी है। नाला निर्माण हो गया है, लेकिन रास्ता सही नहीं होने से लोगों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। रास्ता अभी कच्चा है। मोहल्ले के लोग काफी अरसे से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं।

शिवराम सिंह

मोहल्ले की करीब एक किलो मीटर प्रमुख सड़क अभी तक नहीं बनी है। रास्ता कच्चा और बड़-खाबड़ है। सड़क बनवाने को लेकर कई बार नगर निगम से भी यहां के लोगों ने कहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मोहल्ले वासियों को इससे बड़ी दिक्कत है।

नानक चंद

जब से मोहल्ला बसा है। तब से लोग मुख्य सड़क बनवाने की मांग कर रहे हैं। सड़क नहीं होने से बारिश में लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। पार्षद सहित अन्य जिम्मेदारों के पास शिकायतें की गईं, लेकिन समस्या हल नहीं हुई।

अब्दुल सलीम सिद्दीकी

मोहल्ले में ही उनका स्कूल है। सड़क नहीं बनने से स्कूल आने वाले बच्चों को सबसे अधिक दिक्कत होती है। काफी कोशिश से स्कूल के पास वाली सड़क बन गई। लेकिन मोहल्ले की प्रमुख सड़क अब तक नहीं बनी है। यहां के लोगों की यह बड़ी समस्या है।

बृजेश कुमार मिश्र, भाजपा नेता

मुख्य सड़क के पास काली माता मंदिर है। सड़क नहीं बनी है। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत होती है। नगर निगम व लोक निर्माण विभाग से सड़क बनवाने के लिए कई बार कहा गया, लेकिन नतीजा नहीं निकला।

लंगड़ बाबा, पुजारी

प्रमुख सड़क नहीं बनने से बारिश में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। हल्की बारिश में ही लोगों का निकलना दुश्वार हो जाता है। अधिक बारिश होने पर जलभराव हो जाता है। कई-कई दिन तक पानी भरा रहता है।

अरविंद पाल

बरसात के मौसम में जब जलभराव हो जाता है, तब यह पता नहीं चलता कि किधर से निकलना है और किधर नहीं। नाला ऊंचा है और उसके आसपास सड़क न बनने से जमीन नीचे हैं। इसलिए घुटनों तक पानी भर जाता है। जलभराव लोगों के लिए खतरा बन जाता है।

दीपक कुमार

मोहल्ले में सड़क के सबसे बड़ी समस्या है। यहां की सफाई व्यवस्था भी चौपट है। सड़क कच्ची है। कूड़ा जमा रहता है। बारिश में जलभराव के चलते गंदगी और बढ़ जाती है। सड़क बन जाए तो कुछ हद तक स्थिति ठीक हो सकती है।

सिराजुद्दीन

मोहल्ले में स्थित भुईयां देवी मंदिर के पास भी सड़क नहीं बनी है। यहां बारिश के दौरान जल-जमाव हो जाता है। ऐसी स्थिति में मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

जगन्नाथ अवस्थी

घर जाने के लिए उन्हें मोहल्ले के प्रमुख मार्ग से गुजरना पड़ता है। मोहल्ले में पहुंचते ही कच्चे रास्ते से वास्ता पड़ता है। काफी दिक्कत होती है। यह मोहल्ले की बहुत पुरानी समस्या है। अब तक इसका कोई समाधान नहीं किया गया। जिम्मेदार भी लापरवाह बने हैं।

सरोज द्विवेदी

सड़क निर्माण नहीं होने से बारिश में सड़क तालाब बन जाती है। ऐसे में लोगों को दूसरे रास्तों से गुजरना पड़ता है। सबसे बड़ी मुश्किल स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है। इसी मार्ग पर स्कूल है। कई मंदिर हैं। जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

कृष्ण कुमार

मोहल्ले के प्रमुख रास्ते के बीच में नाला बना दिया गया है। नाला ऊंचा है और रास्ता नीचा है। सड़क नहीं बनने से लोग नाले के लिंटर से होकर गुजरते हैं। बीच-बीच में नाला सफाई के लिए बने होल के ऊपर के लिंटर टूट गए हैं। जिससे बच्चों व जानवारों के गिरने का खतरा बना रहता है।

पुष्पेंद्र सिंह

सड़क नहीं बनने से बारिश में बहुत दिक्कत होती है। कहां पर रास्ता है और कहां खड्डा है, इसका पता नहीं चलता। अक्सर लोग गिरकर जख्मी हो जाते हैं। महिलाओं व बच्चों को सबसे अधिक परेशानी होती है।

महेंद्र सिंह

सड़क नहीं बनने से लोग दिन में किसी तरह मुश्किल उठाकर निकल जाते हैं, लेकिन रात में काफी दिक्कत होती है। यदि कोई बीमार हो जाए, तो उसके लिए एंबुलेंस आना मुश्किल है। मोहल्ले वालों के लिए बड़ी समस्या है। जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।

मुनव्वर

माइनर नहर के पास रास्ता बहुत ही खराब है। ऊबड़-खाबड़ कच्चा मार्ग होने से कई बार ई-रिक्शा पलट जाते हैं और लोग चोटिल हो जाते हैं। अन्य वाहन सवारों को भी काफी दिक्कत होती है। सड़क बन जाए तो लोगों को आसानी हो। इसके लिए जिम्मेदारों से कई बार लिखापढ़ी की गई, लेकिन हल नहीं निकला।

डॉ सहाब अहमद

मुख्य रास्ते के पास घर है। बारिश में इस कदर जलभराव होता है, कि पानी उनके घर तक भरने लगता है। गंदगी भी फैल जाती है। मोहल्ले वासी परेशान हैं। जिम्मेदारों से कहने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। सड़क बने तो लोगों को राहत मिले।

नितिन कुमार

सड़क नहीं बनी है। लोग नाले के ऊपर से निकलते हैं, लेकिन कई जगह नाले पर पड़े सीमेंट के पटरे टूट गए हैं। जिससे लोगों के नाले में गिरने का खतरा रहता है। इस मुख्य मार्ग पर चार पहिया वाहन नहीं निकल पा रहे हैं।

मोहम्मद अनवर अंजुम

प्रस्तुतिःः सुमित गुप्ता, इरफान गाजी, फोटोः रीतेश यादव

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