18 नवंबर को एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनामी पर जारी होगी रिपोर्ट
माइक्रोफाइनेंस असोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा) 18 नवंबर को एक सम्मेलन आयोजित करेगा जिसमें राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर चर्चा होगी। सम्मेलन में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के योगदान...
-माइक्रोफाइनेंस असोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा) के सम्मेलन में जुटेंगे देश के वित्तीय विशेषज्ञ। Ø
Ø लखनऊ। विशेष संवाददाता
माइक्रोफाइनेंस असोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा) के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थ व्यवस्था बनाने के मुद्दे पर 18 नवंबर को सम्मेलन आयोजित करेगी। इसमें माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के योगदान व चुनौतियों पर चर्चा होगी। साथ ही इसमें उत्तर प्रदेश में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था के लक्ष्य को सफल बनाने में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों योगदान पर आधारित एक अध्ययन रिपोर्ट जारी की जाएगी।
उपमा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर सिन्हा ने शुक्रवार को यह जानकारी पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि सम्मलेन का उद्देश्य एक विश्वसनीय माइक्रो फाइनेंस मॉडल विकसित करना है। इसमें समाज कल्याण विभाग के स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री असीम अरुण मुख्य अतिथित होंगे। साथ ही स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के पूर्व चेयरमैन दिनेश खारा व माइक्रोफाइनेंस के विशेषज्ञ विजय महाजन भी शिरकत करेंगे। माइक्रो फाइनेंस के स्वतः नियामक संस्था साधन के प्रमुख जीजी मेमन सहित इस कॉन्फ्रेंस में शैक्षिक संस्थाओं के रिसर्च स्कॉलर, अनेक वित्तीय विशेषज्ञ, माइक्रो फाइनांस कंपनी के सीईओ के साथ-साथ नाबार्ड, आरबीआई तथा सिडबी के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं भारतीय रिज़र्व बैंक से रजिस्टर्ड होती हैं तथा समाज के सबसे कमजोर वर्ग को उनके गृह स्थल पर रोजगारपरक ऋण उपलब्ध कराती हैं। एसोसिएशन इस बात पर नज़र रखती है कि सभी संस्थाएं भारतीय रिज़र्व बैंक के तय नियमों का अक्षरशः पालन करती है।
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