दो लाख से अधिक दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ₹100 करोड़ की सब्सिडी
Lucknow News - यूपी की आबोहवा को प्रदूषण मुक्त बनाएंगे गिग वर्कर्स - इलेक्ट्रिक व्हीकल को

यूपी की आबोहवा को प्रदूषण मुक्त बनाएंगे गिग वर्कर्स - इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान तैयार
- फ्लिपकार्ट, अमेज़न, स्विगी और ज़ोमैटो जैसी कंपनियों के गिग वर्कर्स पर सरकार का विशेष फोकस
लखनऊ, विशेष संवाददाता
यूपी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है। इसके तहत दो लाख से अधिक दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ₹100 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। विशेष रूप से फ्लिपकार्ट, अमेज़न, स्विगी और ज़ोमैटो जैसी कंपनियों के गिग वर्कर्स को इस योजना का प्रमुख हिस्सा बनाया गया है, ताकि प्रदेश की आबोहवा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।
गिग वर्कर्स बनेंगे स्वच्छ पर्यावरण के नए सिपाही
ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में कार्यरत लाखों गिग वर्कर्स, रोजाना हजारों किलोमीटर की यात्रा करते हैं और पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों के माध्यम से अनजाने में वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं। योगी सरकार ने इस चुनौती को एक अवसर में बदलने का फैसला किया है। सरकार का मानना है कि यदि गिग वर्कर्स को इलेक्ट्रिक वाहनों से जोड़ा जाए, तो न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक जन-आंदोलन का रूप ले सकता है।
सरकार ने उठाए हैं कई अहम रणनीतिक कदम
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी नीति-2022 के तहत, दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ₹100 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। यह सब्सिडी गिग वर्कर्स के लिए ईवी खरीद को किफायती बनाएगी, जिससे वे बिना वित्तीय बोझ के इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा सरकार ने फ्लिपकार्ट, अमेज़न, डिलीवरी, स्विगी और ज़ोमैटो जैसी कंपनियों के साथ सहयोग की योजना बनाई है। इन कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपने डिलीवरी फ्लीट को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करें। इसके लिए विशेष छूट और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी।
कुल ₹440 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान
सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2022 के तहत कुल ₹440 करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 2.35 लाख लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। इसमें ₹100 करोड़ की सब्सिडी, जिससे दो लाख से अधिक गिग वर्कर्स और अन्य नागरिक लाभान्वित होंगे। ₹250 करोड़ की सब्सिडी, जो टैक्सी और निजी वाहन मालिकों को प्रोत्साहित करेगी। ₹10 करोड़ की सब्सिडी, जो लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को मदद पहुंचाएगी और ₹80 करोड़ की सब्सिडी, जो सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी।
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