संविधान लोगों से जुड़ा, समानता, स्वतंत्रता और न्याय मूल सिद्धांत
Lucknow News - -बीबीएयू में संविधान दिवस पर शुरू हुई दो दिवसीय संगोष्ठी लखनऊ, कार्यालय संवाददाता बाबासाहेब
-बीबीएयू में संविधान दिवस पर शुरू हुई दो दिवसीय संगोष्ठी लखनऊ, कार्यालय संवाददाता
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में मंगलवार को संविधान दिवस पर राष्ट्र निर्माण में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का महत्व विषय संगोष्ठी हुई। बीबीएयू विधि विभाग की ओर से हुई दो दिवसीय संगोष्ठी में पहले दिन संविधान के इतिहास और महत्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यवाहक कुलपति प्रो. एस.के. द्विवेदी ने कहा कि विद्यार्थियों को भारतीय संविधान का विश्लेषण कर उसे आत्मसात करना चाहिए। किस प्रकार संविधान ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों के माध्यम से राष्ट्र का मार्गदर्शन किया है। दूसरी ओर भारतीय संविधान हमें बताता है कि हमारी सरकार कैसे काम करती है । जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कि संविधान भारतीय संस्कृति से जुड़े दर्शन की व्याख्या करता है जहां विश्व को वसुधैव कुटुंबकम् के सूत्र के साथ अपना परिवार मानने का संदेश हमारे राष्ट्र ने दिया है। हमारा संविधान सीधे तौर पर लोगों से जुड़ा हुआ है, यही कारण है कि समानता, स्वतंत्रता एवं न्याय इसके मूल सिद्धांत है। डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अमरपाल सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान कठोरता और लचीलेपन के मेल का एक अनूठा उदाहरण है। केंद्रीय संचार ब्यूरो, लखनऊ के निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि आजादी के पश्चात संविधान ने भारत में चहुंमुखी विकास किया है। साथ ही बाबासाहेब ने ना सिर्फ संविधान का स्वरूप रखा बल्कि हमारे समक्ष भारत के भविष्य को प्रस्तुत किया था। संगोष्ठी में विधि अध्ययन विद्यापीठ की संकायाध्यक्ष प्रो. प्रीति मिश्रा, राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के डॉ. प्रेम कुमार गौतम, डॉ. शाश्या मिश्रा, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सांइसेंज एलयू की निदेशक प्रो. विनीता कोचर, डॉ. विष्णुपति त्रिपाठी, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. मुजीबुर्रहमान, अन्य शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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