तिहरे हत्याकांड के आरोपित पिता-पुत्र पर रासुका, 34 करोड़ की संपत्ति कुर्क
Lucknow News - मलिहाबाद के रहमतनगर में हुए तिहरे हत्याकांड में हिस्ट्रीशीटर गब्बर और उसके बेटे फराज पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। गब्बर और फराज ने फरीद के परिवार के तीन सदस्यों की हत्या की...
मलिहाबाद के रहमतनगर में हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपित हिस्ट्रीशीटर गब्बर उर्फ सिराज अहमद उर्फ लल्लन खां और उसके बेटे फराज पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देश पर पूर्व में गैंगेस्टर एक्ट तहत कार्रवाई में पिता-पुत्र की 34 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। अपर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विश्वजीत श्रीवास्तव के मुताबिक रहतमनगर में रहने वाले व्यवसायी फरीद से गब्बर का प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था। फरीद ने बताया था कि एक फरवरी को गब्बर की जमीन की पैमाइश के चलते लेखपाल के बुलाने पर गांव के बाहर खेतों पर गया था। वहां विवाद हुआ तो लेखपाल भाग गया। फरीद के मुताबिक, इससे नाराज गब्बर, फराज, अशरफी और फुरकान उसके घर पहुंचे और गालीगलौज करने लगे। फिर गब्बर और उसके बेटे ने राइफल से ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर पत्नी फरहीन, बेटे हंजला और रिश्ते के भाई मुनीर अहमद की हत्या कर दी थी। गब्बर, फराज, अशरफी, फुरकान के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। फरहीन रिश्ते में गब्बर की भतीजी थीं।
अशरफी को पुलिस ने कुछ देर बाद ही पकड़ लिया था। अन्य हत्यारोपित भाग निकले थे। बाद में पुलिस ने मुरादाबाद से लखनऊ आते समय गब्बर और उसके बेटे फराज को गिरफ्तार कर लिया था। विवेचना में सरकारी कर्मचारी शोभित शुक्ला और ग्लोसाइन बोर्ड का काम करने वाले सिद्धार्थ द्वारा हत्यारोपितों की मदद करने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद इन दोनों को भी गिरफ्तार किया गया था। अब इंस्पेक्टर मलिहाबाद सतीश चंद्र साहू ने जेल में बंद गब्बर और उसके बेटे फराज के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा गब्बर के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमले, जमीन कब्जा करने समेत 21 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। उसके बेटे फराज पर हत्या का एक मुकदमा है।
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