शिकार की तलाश में मचान के पास घूमता रहा बाघ, पिंजरों की जगह बदली
Lucknow News - रहमान खेड़ा के जंगल में बाघ के पगचिह्न मिले हैं। वन विभाग बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए नई रणनीति बना रहा है। बाघ को जंगल में ही सुरक्षित रखने की तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए...
रहमान खेड़ा के जंगल में बनाए गए मचान के आसपास बाघ घूम रहा है। क्योंकि मचान के पास मृत पड़वे को रखा गया है, जिसे बाघ खाने के आए और ट्रैंकुलाइज किया जा सके। गुरुवार को जंगल के जोन एक और तीन में बाघ के पगचिह्न मिले है। इसकी पुष्टि करते हुए वन कर्मियों ने कहा कि बाघ जंगल में ही रहे, इसके लिए अलग से तैयारी की जा रही है। इस बीच ग्रामीण को जागरूक करते हुए वन कर्मियों की टीम ने पैदल मार्च किया। वहीं बाघ के पगचिह्न जहां मिले हैं वहां हथिनियों से कॉम्बिंग नहीं कराई गई। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के रहमानखेड़ा जंगल में ही बाघ की मौजूदगी मिली है। रात में जंगल से निकलकर दिनभर संस्थान के ही जंगल में बाघ आवास कर रहा है। गुरुवार को बाघ के नए पग चिन्ह जोन एक व जोन तीन में पाए गए है। जोन तीन में बाघ के आने व जाने के पग चिन्ह ट्रेस किये गए। जोन एक में बने मचान के पास रखे गए मृत पड़वे के शरीर को बाघ खाने नहीं आया। मचान पर बैठी निगरानी टीम को अलर्ट करते हुए बाघ के हर मूवमेंट तक नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच बाघ मचान के आसपास लगे आम के बाग में बाघ घूम कर लौट गया।
बाघ को ट्रैंकुलाइज करने की नई रणनीति बना रहे
वन विभाग नई रणनीति के तहत बाघ को पकड़ने की तैयारी कर रहा है। बाघ को संस्थान में ही उसका आवास बनाने पर काम कर रहे हैं। टीम का प्रयास है कि बाघ संस्थान को आवास की तरह उपयोग करें, जिससे यहां पर उसे ट्रांकुलाइज किया जा सके। विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि संस्थान के अंदर बाघ को ट्रांकुलाइज करना आसान व सुरक्षित है। इसलिए हथिनियों द्वारा संस्थान के अंदर कॉम्बिंग नहीं की जा रही है।
संस्थान में रखे गए पिंजरों की जगह बदली गई
डीएफओ डॉ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि गुरुवार को बाघ के नए पग चिन्ह जोन एक में आम के बाग और बेहता नाला के किनारे मिले हैं। बाघ मचान के आसपास ही घूम रहा है। इसीलिए नया शिकार बांधकर बाघ का इंतजार किया जा रहा है, किसी भी समय बाघ मृत पड़वे के अवशेष को या नए शिकार को कर सकता है। संस्थान के अंदर बाघ के मिले पगचिह्नों के आधार पर दो नए ट्रैप कैमरे लगाए गए है साथ ही साथ संस्थान में रखे दोनों पिंजरों को जगह बदल दिया गया है।
वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को जागरूक किया
रहमान खेड़ा के आबादी वाले क्षेत्रों में नोडल अधिकारी चंदन चौधरी व एसडीओ हरिलाल चौरसिया के साथ टीम ने पैदल गस्त की। बाघ को एक जोन में रखने के लिए गुरुवार को हथिनियों से कॉम्बिंग नहीं कराई गई। इसके साथ ही हाफिज खेड़ा, हबीबपुर,कुशमौरा हलवापुर, बुधड़िया, रहमानखेड़ा एवं अल्लुपुर में जन जागरूकता के तहत ग्रामीणों को सतर्क किया गया।
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