नाव से बाघ की तलाश तेज, जाल बिछाकर पकड़ने की तैयारी
Lucknow News - खौफ में ग्रामीण काकोरी, संवाददाता। रहमान खेड़ा के जंगलों से निकले बाघ ने दो
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खौफ में ग्रामीण काकोरी, संवाददाता।
रहमान खेड़ा के जंगलों से निकले बाघ ने दो दिन बाद फिर से जंगल में वापसी की है। गुरुवार को बाघ के ताजे पगचिह्न जोन दो और जोन तीन में बेहता नाले के किनारे पाये गए हैं। बाघ की तलाश में वन विभाग ने बेहता नाला की तरफ निगरानी बढ़ा दी है। नाव से बाघ की तलाश में बेहता नाला की तरफ कॉम्बिंग भी का जा रही है। साथ ही बेहता नाला के किनारे जाल बिछाकर बाघ पकड़ने की तैयारी है।
काकोरी के रहमान खेड़ा जंगलों में घूम रहे बाघ की मौजूदगी एक दिन बाद फिर मीठे नगर और उलरा पुर के जंगलों में पाई गई। संस्थान में बने कमांड सेंटर के पीछे रेलवे लाइन के पास आम की बाग में ताजे पगचिह्न मिले हैं। जोन तीन के उलरापुर जंगल में बेहता नाला के किनारे भी पगचिह्न पाये गए है। जोन तीन में लगे ट्रैप कैमरे में गुरुवार की तड़के सुबह बाघ की फोटो कैद हुई है।
डीएफओ डॉ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि बाघ को घेरने के लिए संस्थान के अंदर बेल वाले बाग की तरफ खाबड़ यानी जाल लगाया गया है। मौसम में बढ़ती गर्मी के चलते बाघ की गतिविधियां पानी वाले इलाके के आसपास ज्यादा पायी जा रही है। इसलिय बाघ को घेरने के लिए बेहता नाला की तरफ भी निगरानी बढ़ाई गई है।
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