वन विभाग के 12 कैमरों की पकड़ से गायब हुआ बाघ
Lucknow News - अब जंगल में वॉच टॉवर से बाघ पर नजर रखने की तैयारी दहशत काकोरी,संवाददाता।
रहमान खेड़ा जंगल में शनिवार को बाघ की चहलकदमी नजर नहीं आई। जंगल से तीन किमी दूर मलिहाबाद के नई बस्ती धनेवा गांव में किसान ज्ञानेंद्र की बाग में बाघ के पगचिह्न देखा गया। वहां के ग्रामीण दहशत में है। जंगल से मीठे नगर गांव जाने वाले खड़ंजा मार्ग पर ग्रामीणों ने बाघ देखे जाने की बात कही, जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग और डब्लूटीआई की टीम ने ड्रोन कैमरे से जांच पड़ताल की। इस दौरान पगचिह्न सियार के होने की पुष्टि हुई। बाघ की ओर से और किसी भी जानवर का शिकार किये जाने की पुष्टि नहीं हुई है। डीएफओ डॉ. सितांशु पाण्डेय ने बताया कि शुक्रवार सुबह कंट्रोल रूम के पास बाघ की चहलकदमी करते हुए कैमरे में कैद हुआ था, लेकिन उसके बाद बाघ की लोकेशन कही नही मिली। शनिवार सुबह जंगल के पास बेहता नाला के किनारे बाघ के पगचिन्ह मिले थे। जिसके बाद मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। ड्रोन कैमरे में भी बाघ की लोकेशन नही मिली।
जहां शिकार किया था, वहीं टॉवर बनेगा
डीएफओ डॉ. सितांशु पाण्डेय ने बताया कि जंगल के चौथे ब्लॉक में जिस जगह बाघ ने नीलगाय का शिकार किया था उसी के पास वॉच टॉवर बनकर तैयार किया गया है। जिसमे रात में कानपुर प्राणी उद्यान के डॉ. नासिर रुककर निगरानी करते हुए बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास करेंगे। जंगल के आसपास के क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।
गाड़ियों के आहट से बदला गया कंट्रोल रूम की जगह
डीएफओ ने बताया कि संस्थान के चौथे ब्लॉक में बाघ के संभावित स्थल के पास बने कंट्रोल रूम को हटाकर तीन किमी दूर दूसरी जगह बनाया गया है। दिन और रात में टीम की गाड़ियों की आवाजाही और मानवीय गतिविधियों से बाघ का ठिकाना एक जगह नही हो पा रहा था। पहले नीलगाय का शिकार किये जाने वाले स्थान से सौ मीटर की दूरी पर कंट्रोल रूम बनाया गया था।
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