रहमान खेड़ा के जंगलों में अब गड्ढा खोदकर बाघ पकड़ेंगे
Lucknow News - दहशत -डायना और सुलोचना को नहीं मिली बाघ की गतिविधियां -बाघ के इंतजार में
एक बार फिर रहमान खेड़ा के जंगल से निकलकर बाघ गांव की तरफ चल पड़ा है। बुधवार को रहमान खेड़ा जंगल के अंदर बाघ की गतिविधियां नहीं पाई गई। ऐसे में जंगलों के बाहरी इलाकों में गड्ढा खोदकर उस पर झाड़ियां रखी जाएगी, जिससे बाघ के जंगल जाने और जंगल से बाहर निकलने समय गड्ढे में गिर जाए और उसको पकड़कर रेस्क्यू किया जा सके। यहीं नहीं बाघ के इंतजार में मचान के पास मृत पड़वे को रखा गया है। जहां विशेषज्ञ और वन विभाग की टीम निगरानी कर रही है। बाघ रेलवे लाइन पार करके उलरापुर के जंगल में घूमता रहा। जंगल में रेलवे लाइन से करीब सौ मीटर की दूरी पर बाघ के नए पगमार्ग मिले हैं। मीठे नगर सहित संस्थान के जंगल मे लगे ट्रेप कैमरे में भी बाघ नजर नहीं आया। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह और सीतापुर के डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने मचान वाले इलाके का निरीक्षण किया और विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित कॉम्बिंग टीम को सख्त दिशा निर्देश दिए। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि टीम मृत पड़वे को मचान के पास रखकर बाघ का इंतज़ार कर रही थी, लेकिन बाघ की लोकेशन जोन एक में नहीं मिली। वन विभाग और डॉक्टर की टीम को तीन टीमों को बांटकर संस्थान के जंगल सहित आसपास के इलाकों में कॉम्बिंग की गई। टीम दो की ओर से दोपहर बाद मीठे नगर के जंगल में मादा हथिनियों डायना और सुलोचना से कॉम्बिंग कराई गई, लेकिन बाघ की हलचल नहीं मिली।
मचान के पास नया शिकार बांधकर ट्रैंकुलाइज करेंगे
दो दिन पहले मचान के पास शिकार किये गए पड़वे के मृत शरीर के अलावा नया पड़वा बांधकर निगरानी कर बाघ को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्नाव से रेंजर व चार स्टाफ को बुलाया गया है। स्टाफ में एक डिप्टी रेंजर, दो वन दरोगा व एक वन रक्षक है।
रेणु सिंह व सीतापुर डीएफओ ने ऑपरेशन का जायजा लिया
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह व सीतापुर के डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने संस्थान में चल रहे बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। रेणु सिंह ने कहा टीम व डॉक्टर ऑपरेशन में लगे हुए हैं। बाघ को जोन एक मे घेरकर रणनीति के तहत ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया जा रहा है।
बगैर डॉक्टर सुलोचना और डायना ने कॉम्बिंग की
दोपहर बाद मीठे नगर की तरफ सुलोचना व डायना ने बिना डॉक्टर के कॉम्बिंग की। डीएफओ ने बताया कि हाथियों के साथ कॉम्बिंग की जा रही है। अगर हाथियों को बाघ की मूवमेन्ट पता चलेगी तो डॉक्टर को बुला लिया जाएगा। फिलहाल डॉक्टर संस्थान के अंदर शिकार के पास निगरानी कर रहे है।
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