गड्ढे से 100 मीटर की दूरी से निकल गया बाघ, विशेषज्ञ फिर चूके विशेषज्ञ
Lucknow News - दहशत -रहमान खेड़ा संस्थान में पिटफॉल तकनीक से बाघ को पकड़ने की तैयारी शुरू
काकोरी में बाघ वन विभाग से एक कदम आगे चल रहा है। घंटों माथा पच्ची के बाद वन विभाग के विशेषज्ञ उसे पकड़ने के लिए योजना बना रहे हैं। बाघ एक झटके में इन योजनाओं पर पानी फेर जा रहा है। शुक्रवार को भी रहमान खेड़ा संस्थान सहित आसपास के जंगलों में 46 दिन से घूम रहा बाघ को पकड़ने की सभी तैयारियों को विफल कर दिया। आलम यह है कि नए विशेषज्ञों की टीम आने के बाद शुक्रवार को पिटफॉल यानी 12 फिर चौड़ा गड्ढा और 15 फिट गहरा गड्ढा खोदा गया। इसे ऊपर से घास, पत्तियों और पेड़ों की टहनियों से ढका गया है। बावजूद बाघ गड्ढे से 100 मीटर की दूरी से गुजर गया। इस दौरान मचान पर बैठे विशेषज्ञों की टीम एक बार फिर बाघ को ट्रैंकुलाइज करने से चूक गई। इस दौरान ग्रामीणों में दशहत बरकरार रहा। वन कर्मी लगातार जागरूक कर रहे है। बच्चें और बुजुर्ग घर से बाहर जाने से कतरा रहे है। इस दौरान रहमान खेड़ा के करीब 20 गांव की आबादी दशहत के बीच जीवन गुजारने को मजबूर है।
पगचिह्न देखकर लगाया जाल, नहीं आया बाघ
शुक्रवार सुबह उलरापुर गांव के जंगल में बाघ के ताजे पगचिह्न पाये गए। इसी स्थान पर वन विभाग ने जाल बांधकर बाघ को पकड़ने की तैयारी कर रखी थी, लेकिन बाघ जाल के आसपास भी नही आया। वही संस्थान को जाने वाली सड़क को पार करते हुए बाघ के पगचिह्न मिले है। वन विभाग की टीम ने थर्मल ड्रोन कैमरे से जंगल में छानबीन की। इस बीच सुबह फिर से जोन तीन के जंगलों में निकल गया। बाघ दो बार संस्थान को जाने वाली सड़क को पार भी किया।
ट्रैप कैमरे में कैद हुआ बाघ, मीठे नगर में बनाया मचान
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ रेणु सिंह और डीएफओ आकाशदीप बधावन के साथ डीएफओ डॉ सितांशु पाण्डेय ने मौके पर निरीक्षण किया। बाघ ऑपरेशन प्रभारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि संस्थान के जोन एक में बेल वाले ब्लॉक में मचान के पास पिटफॉल बनाकर केमोफ्लाइज कर बाघ के आने का इंतजार किया जा रहा था लेकिन बाघ गड्ढे से सौ मीटर की दूरी से निकल गया। जोन एक दो और तीन में बाघ के पगचिन्ह पाये गये हैं इसके साथ ही जंगल में लगे ट्रैप कैमरों में बाघ की फोटो कैद हुई हैं। बाघ को घेरने के लिए मीठे नगर में हथिनियों से कॉम्बिंग करायी गई। वहीं मीठे नगर में मचान के पास एक और पिंजरा रख कर निगरानी की जा रही।
मीट और मछली के खुशबू से बाघ को आकर्षित करेंगे
डीएफओ डॉ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि 15 फुट गहरे पिटफॉल के पास बाघ को आकर्षित करने के लिए टाइगर ल्योर डाला गया है। जोकि मीट और मछली का मिश्रित मांस होता है जिसकी खुशबू से बाघ आकर्षित होकर आएगा और गड्ढे में गिर जाएगा, जिससे बाघ को आसानी से ट्रैंकुलाइज कर सकेंगे।
बाघ को अब गड्डे में गिराने की योजना तैयार
रहमान खेड़ा का बाघ वन विभाग के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। कैमरे, ड्रोन, हथिनी, पिंजड़े और मचान पर मौजूद विशेषज्ञों को चकमा देते हुए वह एक के बाद एक शिकार कर रहा है। वन विभाग रोजाना उसके पग चिह्न तलाश कर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं। एक दर्जन से अधिक गांव में दहशत फैलाने वाले बाघ के नये पग चिह्न मिले हैं। बाघ की तलाश में जुटी वन विभाग की टीम अब तक बाघ को पकड़ने में नाकाम रही। वन विभाग की टीम ने नया पैतरा निकाला है। बाघ को गड्ढे में गिराने की तैयारी की है।
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