क्षमावाणी पर्व पर जैन समाज के लोगों ने एक दूसरे से मांगी क्षमा
जैन समाज का प्रमुख पर्व क्षमावाणी गुरुवार को मनाया गया। दसलक्षण (पर्युषण) पर्व के समापन के बाद क्षमावाणी पर्व मनाया गया। इस पर्व के मौके पर जैन समाज के छोटे -बड़े सभी लोगों ने एक-दूसरे से हाथ जोड़कर...
जैन समाज का प्रमुख पर्व क्षमावाणी गुरुवार को मनाया गया। दशलक्षण (पर्युषण) पर्व के समापन के बाद क्षमावाणी पर्व मनाया गया। इस पर्व के मौके पर जैन समाज के छोटे -बड़े सभी लोगों ने एक-दूसरे से हाथ जोड़कर क्षमा मांगी।
जैन धर्म की परंपरा के अनुसार वर्षा ऋतु में मनाया जाने वाला पर्युषण पर्व, जैन धर्मावलंबियों में आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है। पर्युषण पर्व के बाद गुरुवार को क्षमावाणी पर्व पर जैन समाज के मंदिरों में अभिषेक पूजन हुआ। इसके बाद लोगों ने सम्पर्क कर बीते वर्ष में की गई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष गलतियों के लिए क्षमा याचना की। इंदिरा नगर निवासी समाज के अभिषेक जैन ने बताया कि जैन समाज के सभी प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही सोशल डिस्टेसिंग के साथ भक्तों ने दर्शन किया। चौक, डालीगंज व इंदिरा नगर समेत शहर के अन्य मंदिरों में भक्तों ने महावीर स्वामी की उपासना की। ऑनलाइन सभाएं भी हुईं। कोरोना के कारण शहर में कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ। समाज के सभी छोटे -बड़े लोगों ने एक-दूसरे से क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि अगर मैंने मन, वचन, काय से जाने-अनजाने में किसी को भी अपने शब्दों, अहंकार, झूठ व क्रोध से तनिक भी कष्ट पहुंचाया हो या उनका दिल दुखाया हो तो, मैं हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं।
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