संघर्ष से इंसान का व्यक्तित्व निखरता है- स्वामी शंकरदास
लखनऊ में आयोजित श्रीराम कथा में स्वामी शंकरदास जी महाराज ने कहा कि माता कैकई ने राम को वन भेजा, जिससे उनका व्यक्तित्व निखरा। विपत्ति से घबराना नहीं चाहिए और धर्म के रास्ते पर चलने से प्रकृति भी सहायता...
लखनऊ, संवाददाता। माता कैकई ने राम को वन न भेजा होता तो प्रभु राम घर-घर न पूजे जाते। संघर्ष से ही मनुष्य का व्यक्तित्व निखरता है। भगवान शिव ने विष ग्रहण किया इसलिए वो महादेव कहलाते हैं। कल्याणपुर स्थित श्री सीताराम मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा में बुधवार को प्रभु राम की महिमा को बताते हुए यह विचार स्वामी शंकरदास जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विपत्ति से मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा प्रभु राम के जीवन से हमें शिक्षा मिलती है यदि हम धर्म के रास्ते पर चलेंगे तो प्रकृति भी हमारी सहायता करती है। उन्होंने कहा कि प्रभु, भक्त के भाव के भूखे होते हैं। इसीलिए प्रभु राम वनवास के समय जब गंगा पार करनी थी तो वह केवट जी के निश्चल प्रेम व सेवा भाव को देखकर उनकी छोटी सी नाव पर चढ़े।
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