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दिल्ली एयरपोर्ट पर डिजिटल अरेस्ट गिरोह का सरगना गिरफ्तार

Lucknow News - - कंबोडिया से पहुंचते ही दबोचा गया, एसटीएफ ने जारी कराया था लुकआउट नोटिस -

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 27 Jan 2025 09:52 PM
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दिल्ली एयरपोर्ट पर डिजिटल अरेस्ट गिरोह का सरगना गिरफ्तार

विकास नगर के रहने वाले डॉ. अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये ठगने वाले गिरोह के सरगना सुरेश कुमार सैन को एसटीएफ ने शनिवार देर रात दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। वह कंबोडिया में रहकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन और कई अन्य देशों के लोगों डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी का गिरोह चला रहा था। एयरपोर्ट पर उतरते ही सुरक्षा कर्मियों ने उसे धर दबोचा। आरोपित के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी था। पहले भी इस गिरोह के कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक सुरेश कुमार सैन मूल रूप से राजस्थान के कोट पुतली अलवर के रामनगर बानसुर का रहने वाला है। आरोपित के पास से कंबोडिया की एबीए बैंक का खाता, एटीएम कार्ड, पासपोर्ट, रोजगार कार्यालय का कार्ड, गेस्टहाउस की एक माह पुरानी बुकिंग रसीद व कुछ अन्य दस्तावेज मिले हैं। पूछताछ में पता चला कि अप्रैल 2023 में सुरेश राजस्थान से कोलकाता और फिर बैंकाक के रास्ते कंबोडिया पहुंचा था। सुरेश के गांव के पास रहने वाले एजेंट रफीक भाटी ने मुंबई में रहने वाले अपने मित्र नितिन के माध्यम से उसका संपर्क कंबोडिया में रह रहे एक बांग्लादेशी से कराया था। कंबोडिया में ही पाकिस्तान के का रहने वाला यासीन चौधरी और चीन के कुछ अन्य लोगों से उसका संपर्क हुआ। इसके बाद सब मिलकर ठगी का गिरोह चलाने लगे। यह लोग कुथ को सीबीआई, क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स का अफसर बनकर ठगी का गिरोह चलाते थे।

ठगी के काल सेंटर में नौकरी देने के लिए होता था साक्षात्कार

आरोपित से पूछताछ में पता चला है कि यह लोग ठगी के काल सेंटर में जिन पाकिस्तानी, चाइना, बांग्लादेशी और भारत के नागरिकों को नौकरी देते थे उन्हें पहले प्रशिक्षण देते थे। इसके बाद उनका साक्षात्कार लेते थे। साक्षात्कार पास करने के बाद ठगी के लिए नौकरी पर रखते थे। हर देश के एजेंट अपने यहां से नौकरी के लिए लोगों को भेजते थे। इसके लिए एजेंटों को प्रति व्यक्ति एक हजार डालर कमीशन दिया जाता था। वहीं, नौकरी के लिए आए लोगों से यह लोग पहले वीजा, पासपोर्ट और अन्य मदों में डेढ़ लाख रुपये वसूलते थे।

पाकिस्तानी के साथ मिलकर चलाने लगा था रेस्टोरेंट

सुरेश वहां पाकिस्तानी याशीन के साथ मिलकर रेस्टोरेंट भी चला रहा था। उसने कंबोडिया के कैंपोट शहर में मनोरथ और एक अन्य नाम से दो रेस्टोरेंट भी खोले थे। सुरेश ने भी काफी लोगों को नौकरी के लिए वहां भेजा था।

यह था मामला

20 अगस्त को गिरोह ने विकासनगर के रहने वाले डॉ. अशोक सोलंकी को एयरपोर्ट का कस्टम अधिकारी बनकर फोन किया। उन्हें ईरान से उनके नाम से आए एक कोरियर में ड्रग्स भेजने का हवाला देते हुए जेल भेजने की धमकी दी। इसके बाद धमकाकर दो दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा। कई बैंक खातों में 48 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। ठगी का पता चलने पर डॉ. ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

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