सुरेंद्र सिंह का हत्यारा पाताल में भी होगा तो खोज निकाला जाएगा : स्मृति ईरानी
दिवंगत भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या की सूचना मिलने के बाद नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी दोपहर तीन बजे अमेठी पहुंचीं। स्मृति ने सुरेंद्र सिंह के परिवार को सांत्वना देने के बाद उनकी अर्थी को कंधा...
दिवंगत भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या की सूचना मिलने के बाद नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी दोपहर तीन बजे अमेठी पहुंचीं। स्मृति ने सुरेंद्र सिंह के परिवार को सांत्वना देने के बाद उनकी अर्थी को कंधा देकर श्मशान तक पहुंचाया। भावुक माहौल में स्मृति ने कहा कि अगर हत्यारा पाताल में भी होगा तो उसे ढूंढ़ निकाला जाएगा। उसे फांसी की सजा दिलाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे।
दोपहर बाद दिल्ली से लखनऊ व वहां से सड़क मार्ग से बरौलिया के अमरबोझा गांव पहुंचीं स्मृति ने सबसे पहले सुरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर का पैर छूकर नमन किया। इसके बाद घर के अंदर मृतक सुरेंद्र सिंह की पत्नी, दोनों पुत्रियों, माता-पिता व पुत्र से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान स्मृति बेहद भावुक दिखीं। स्मृति ने कहा कि मैं परिवार की जिम्मेदारी संभालूंगी। यहां से निकलकर स्मृति ने भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी, मंत्री मोहसिन रजा, सुरेश पासी, आशीष शुक्ला के साथ अर्थी को कंधा दिया और उसे गांव के बाहर स्थित श्मशान तक ले गईं। इस दौरान हजारों की भीड़ ने सुरेंद्र सिंह अमर रहें के नारे लगा रही थी।
परिवार के साथ 11 करोड़ भाजपा कार्यकर्ता:
श्मशान से लौटकर स्मृति ने पुन: परिजनों से मुलाकात की और कहा कि सुरेंद्र सिंह ने 1977 से लेकर 2019 तक भाजपा के लिए काम किया। आज जब उनका सांसद बना तो उनकी हत्या कर दी गई। भाजपा का हर कार्यकर्ता उनकी दिवंगत आत्मा को प्रणाम करता है। उनके परिवार के साथ 11 करोड़ भाजपा कार्यकर्ता हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार कानून की मर्यादा में रहकर दोषियों को सजा दिलाएगी। हत्यारा अगर पाताल में भी होगा तो उसे ढूंढ़ निकाला जाएगा, उसे सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मैंने उनकी पत्नी बेटे व परिवार के सामने संकल्प लिया है कि जिसने गोली चलाई है और जिसने गोली चलाने का आदेश दिया है उसे फांसी दिलाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। हमारे कार्यकर्ता संयम रखें, अमेठी को आतंकित करने के लिए ही हत्या की गई है।
नाम लिए बगैर राहुल पर तंज :
स्मृति ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि 23 मई को सार्वजनिक रूप से संदेश के जरिए मुझे कहा गया था कि अमेठी को प्यार से संभालना। आज मुझे उस संदेश का साफ मतलब समझ आ गया है।
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