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बलरामपुर में पहली बार ऑपरेशन कर मासूम का मल द्वार बनाया

Lucknow News - बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने जन्मजात एनोरेक्टल मालफॉर्मेशन (हाई एआरएम) की जटिल सर्जरी में सफलता पाई है। एक साल के बच्चे अयान कुमार का ऑपरेशन केजीएमयू के डॉक्टरों की मदद से किया गया। पहले निजी...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 6 Feb 2025 07:35 PM
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बलरामपुर में पहली बार ऑपरेशन कर मासूम का मल द्वार बनाया

बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने जन्मजात बीमारी की पहली बार जटिल उच्च श्रेणी की सर्जरी एनोरेक्टल मालफॉर्मेशन (हाई एआरएम) करने में सफलता पायी है। मासूम का मल द्वार बनाने के ऑपरेशन में केजीएमयू के डॉक्टरों की टीम की मदद भी ली गई। एक निजी अस्पताल में भी कुछ दिन पहले परिवारीजनों ने सर्जरी करवाई थी, लेकिन असफल रही थी। उसके बाद ही परिवारीजन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। अब मासूम पूरी तरह से स्वस्थ है। जन्म से बच्चे में नहीं बना था मल द्वार

बलरामपुर अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि सीतापुर टांडा के खुंखुन पुरवा निवासी रामू के एक साल के बेटे अयान कुमार को जन्मजात बीमारी इंपरफोरेट एनस (बिना गुदा या मल द्वार के छिद्र के जन्म होना) की समस्या से पीड़ित था। जन्म के समय ही परिवारीजनों ने लखनऊ के ही निजी अस्पताल में नवजात की इस समस्या से निजात के लिए ऑपरेशन करवाया था, जिसमें परिवारीजनों का एक लाख रुपया खर्च हुआ था, लेकिन वह ऑपरेशन सफल नहीं रहा था। दोबारा समस्या होने पर परिवारीजन मासूम को लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे थे, जहां डॉ. अखिलेश कुमार ने उसे देखकर ऑपरेशन करने की बात परिवारीजनों से कही।

साढ़े चार घंटे चली सर्जरी

परिवारीजनों के मान जाने पर डॉ. अखिलेश ने केजीएमयू के पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ. जेडी रावत से संपर्क किया। डॉ. रावत के सहयोग से ऑपरेशन के लिए केजीएमयू से पीडियाट्रिक सर्जन्स की टीम बलरामपुर अस्पताल भेजी गई। डॉ. अखिलश ने बताया कि मरीज को पोसटेरियर सेगीटल एनोरेक्टोप्लास्टी (पीएसएआरपी) नामक जटिल सर्जरी करीब साढ़े चार घंटे तक की गई। अहम बात रही कि मासूम का ऑपरेशन सामान्य एनेस्थीसिया देकर ही किया गया। अब बच्चा सामान्य रूप से खानपान, मल त्याग आदि कर रहा है।

ऑपरेशन करने में यह रहे शामिल

ऑपरेशन करने वालों में मुख्य सर्जन में बलरामपुर के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार, केजीएमयू के डॉ. जेडी रावत, डॉ. गुरमीत सिंह, एनेस्थीसिया डॉ. एमपी सिंह, डॉ. एसए मिर्जा, डॉ. जूही पाल, नर्स सीमा पांडेय, निर्मला, कृष्ण, राजू आदि कर्मचारी रहे। पहली बार बलरामपुर में इस तरह की जटिल सर्जरी होने पर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश, सीएमएस डॉ. संजय तेवतिया, एमएस डॉ. हिमांशू चतुर्वेदी ने पूरी टीम को बधाई दी।

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