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मोबाइल और वाई-फाई टावर लगाने के नाम पर करोड़ों हड़पने में पांच गिरफ्तार

Lucknow News - देवरिया और कुशीनगर के रहने वाले ये ठग, ग्राम प्रधानों समेत दर्जनों लोगों को बनाया

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 17 Jan 2025 08:27 PM
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एसटीएफ ने मोबाइल और वाई-फाई टावर लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए चार सदस्य देवरिया और एक कुशीनगर का है। इन लोगों ने लखनऊ, रायबरेली समेत कई जिलों के कई ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य समेत दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाकर वसूली की है। ये लोग पीड़ित को 15-20 लाख रुपये एडवांस देने, हर महीने 25 हजार रुपये की नौकरी और अन्य सुविधाएं देने का लालच देकर अपने जाल में फंसाते है। इस गिरोह के कई और सदस्यों की तलाश की जा रही है। एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में देवरिया के गौरीबाजार निवासी सुनील श्रीवास्तव, अजय कुमार सिंह, अतीउल्लाह अंसारी, पदुम नाम दुबे और कुशीनगर के सेमरा निवासी गंगेश्वर पाण्डेय उर्फ गोलू शामिल हैं। इन सबके पास आठ मोबाइल, 13 हजार रुपये, मोबाइल टॉवर लगाने की छह फर्जी एनओसी, ग्राम प्रधान कलावती का मोबाइल टावर लगवाने हेतु आवेदन पत्र समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। ये गिरोह वर्ष 2013 से सक्रिय है।

ग्राम प्रधानों को फंसाया अपने जाल में

एसटीएफ को इन जालसाजों ने बताया कि वह लोग मुख्य रूप से ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्यों और अन्य संभ्रान्त लोगों को फोन कर अथवा रजिस्टर्ड पत्र भेजकर मोबाइल टॉवर लगवाने का ऑफर देते हैं। इसमें 15-20 लाख रूपये एडवांस देने, परिवार के एक व्यक्ति को 25 हजार प्रति माह की नौकरी और जगह के लिए 25 हजार रुपये किराया देने का लालच देते हैं। जैसे ही कोई राजी होता है, ये लोग उससे रजिस्ट्रेशन शुल्क 780 रुपये, प्रोसेसिंग चार्ज के तौर पर 15-20 हजार रूपये जमा कराते है। इसके बाद बैंक से एडवांस रकम रिलीज कराने के साथ ही बैंक मैनेजर को देने के लिए एडवांस रकम पर एक से पांच प्रतिशत कमीशन जमा कराते हैं। इस तरह से तब तक रकम ऐंठते रहते हैं जब तक पीड़ित रुपये जमा करना बंद नहीं कर देता है। जैसे ही पीड़ित रकम देना बंद करता है तब ये लोग अपना मोबाइल ऑफ कर लेते हैं। इनके खिलाफ रायबरेली में एफआईआर दर्ज होने की वजह से पांचों जालसाजों को रायबरेली पुलिस के सिपुर्द कर दिया गया है।

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