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पीजीआई की डॉक्टर को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ ठगी में 6 गिरफ्तार

एसटीएफ ने पीजीआई डॉक्टर को सात दिन डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये हड़पने में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने डॉक्टर के खाते से रुपये क्रिप्टो करेंसी और डॉलर में बदल कर ट्रांसफर किए।...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 30 Aug 2024 11:18 PM
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एसटीएफ ने पीजीआई डॉक्टर को सात दिन डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपये हड़पने में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार लखनऊ, एक मिर्जापुर तथा एक संतकबीर नगर का निवासी है। दो युवक बैंक कंसलटेंट, दो एमसीए तथा एक बीटेक है। आरोपितों ने डॉक्टर के खाते से रुपये बिनेंस एक्सचेंज के जरिए क्रिप्टो करेंसी और डॉलर में बदल कर अपने खातों में ट्रांसफर किए। एसटीएफ ने खातों को ट्रैक कर करीब 35 लाख रुपये फ्रीज करा दिए हैं। गिरोह में शामिल कुछ सदस्य फरार हैं। एसटीएफ के सीओ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि कुर्सी रोड निवासी फैज उर्फ आदिल, फैजीबेग, चिनहट गंगा विहार निवासी मो. ओसामा, विनीतखंड निवासी मनीष कुमार, मिर्जापुर के चुनार निवासी आयुष यादव और संतकबीर नगर गनवरिया निवासी दीपक शर्मा को शहीद पथ बंधे के पास से पकड़ा गया। आरोपियों ने पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचिका टण्डन को मनी लांड्रिंग के एक चर्चित मुकदमे में शामिल होने का भय दिखा कर एक हफ्ते तक डिजिटल अरेस्ट रखा। डॉक्टर से करीब दो करोड़ 81 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिए। पूछताछ में दीपक शर्मा ने एसटीएफ को बताया कि वे लोग सोशल मीडिया, सरकारी संस्थान व अन्य वेबसाइट के जरिए हाई प्रोफाइल लोगों का डाटा जुटाते हैं। कॉल कर उन्हें मनी लांड्रिंग, ड्रग्स तस्करी जैसे मुकदमे में शामिल होने का भय दिखा कर जाल में फंसा लेते है। डॉ. रुचिका टण्डन को भी इसी तरह से फंसाया गया था।

गिरोह में दो बैंक कंसल्टेंट खुलवाते हैं अकाउंट

करीब तीन साल से गिरोह सक्रिय है। इसमें निजी बैंक के कंसल्टेंट दीपक कुमार शर्मा और मनीष भी शामिल हैं। गिरोह में शामिल ओसामा बीटेक और फैजीबेग एमसीए है। दोनों कंप्यूटर के जानकार होने के नाते पैसे ट्रांसफर कराने के माहिर हैं। पूछताछ में पता चला कि गिरोह का मुखिया फैज है। उसी ने सबको अपने साथ शामिल किया। बैंक कंसल्टेंट मनीष और दीपक शर्मा ने निजी बैंक में खाते खुलवाए। इन खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए। उन्हें ट्रैक किए जाने पर बैंक कंसल्टेंट का पता चला। इनसे पूछताछ में अन्य आरोपितों के बारे में जानकारी हुई। एसटीएफ ने गिरोह के पास से नौ बैंक किट, डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। इन्हीं के जरिए अकाउंट खुलवाए जाते हैं।

कई खातों में ट्रांसफर किए रुपये

एसोसिएट प्रोफेसर से हड़पे गए रुपये आरोपितों ने कई खातों में ट्रांसफर किए थे। हर खाते में जमा रुपये को बिनेंस एक्सचेंज के जरिए पहले क्रिप्टो करेंसी में बदला और फिर यूएस डॉलर में कन्वर्ट कर लिया था। पूछताछ में आयुष ने बताया कि वह लोग गेमिंग वेबसाइट और एप पर भी सक्रिय रहते हैं और कई लोगों से धोखाधड़ी कर चुके हैं।

स्काइप के जरिए बनाया था निशाना

आरोपियों ने डॉ. रुचिका टण्डन को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा था। स्काइप एप के जरिए उनसे धोखाधड़ी करते हुए दो करोड़ 81 लाख रुपये ठग लिए थे। ठगों के कहने पर डॉक्टर ने नया स्मार्टफोन भी खरीदा था।

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